Uttarakhand Roadways Toll Plaza: प्लाजा पर उत्तराखंड परिवहन निगम की खुद की लापरवाही से विभाग को लगी लाखों की चपत, फास्ट टैग अकाउंट में शून्य बैलेंस
उत्तराखंड परिवहन निगम हमेशा से ही चर्चाओं में रहता है कभी बिना टिकट के यात्री सफर करते हुए पकड़े जाते हैं तो कभी रोडवेज के चालक खुद ही नशे में पकड़े जाते हैं। आज फिर से रोडवेज विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिससे विभाग को 3 लाख की चपत लगी है।यह चपत किसी और की नहीं बल्कि परिवहन निगम (Uttarakhand Roadways) की खुद की लापरवाही के चलते लगी है। दूसरे राज्यों से आवाजाही के दौरान रोडवेज की करीब 400 बसों को निगम के खाते में पैसे ही नहीं होने के कारण टोल प्लाजा (Toll plaza) पर दोगुना टोल चुकाना पड़ा। यह भी पढ़िए: उत्तराखंड: रोडवेज बस की टक्कर से बीच सड़क पर पलटा टैंपो, चालक की मौत, सवारियां घायल
कोरोना काल में जिन राज्यों में बसों की आवाजाही बंद थी , अब वहां बसों का संचालन शुरू हो गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड की बसें राज्य के अलावा बाहरी राज्यों उत्तर प्रदेश ,पंजाब, हरियाणा, राजस्थान ,जम्मू एवं दिल्ली के लिए भी संचालित हो गई है। ऐसे में विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि उनको हर तरीके से सचेत रहना जरूरी है। यह सभी जानते हैं कि बाहरी राज्यों पर जाने के लिए टोल कितना आवश्यक है ,तथा टोल प्लाजा पर फास्ट टैग से भुगतान करना अनिवार्य हो गया है। बीते दिन रोडवेज की करीब 400 बसों को टोल प्लाजा पर पहुंचने के बाद पता चला कि फास्टैग अकाउंट में न्यूनतम रुपए भी नहीं है जिससे कि टोल प्लाजा में दोगुना भुगतान करना पड़ा। इससे परिवहन विभाग को लगभग तीन लाख का नुकसान भुगतना पड़ा। ऐसे में सभी रोडवेज बसों को दोगुना टोल भुगतान करना पड़ा। कर्मचारी संगठनों ने प्रबंधन को निशाना बनाते हुए कहा कि इस लापरवाही के लिए संबंधित अधिकारियों पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
Devbhoomi Darshan Desk
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