दुर्भाग्यपूर्ण संयोग: देश की सेनाओं को मजबूत करते हुए देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (BIPIN RAWAT) और 17 वें थलसेनाध्यक्ष का पद संभालने वाले जनरल बिपिन चंद्र जोशी (बीसी जोशी) (BIPIN JOSHI) बीच कार्यकाल में ही हुए अकस्मात शहीद….
तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत (BIPIN RAWAT) समेत 13 लोगों की शहादत की खबर से उत्तराखंड समेत समूचे देश में शोक की लहर है। यह कहना बिल्कुल भी ग़लत नहीं होगा कि देशवासियों के लिए बुधवार का दिन काला साबित हुआ। जनरल बिपिन रावत के अकस्मात शहादत के साथ ही राज्य के दो ऐसे वीर सपूतों के सेवा के दौरान निधन होने का दुखद दुर्योग बन गया है जो सेना के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे थे। इतना ही नहीं दोनों का नाम भी बिपिन ही था। हम बात कर रहे हैं जनरल बीसी जोशी के नाम से विख्यात एवं थल सेनाध्यक्ष पद पर पहुंचने वाले राज्य के पहले सैन्य अधिकारी जनरल बिपिन चंद्र जोशी (BIPIN JOSHI) और चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के पद पर आसीन जनरल बिपिन रावत की। इसे महज दुर्योग ही कहा जाएगा कि दोनों के दुखद शहादत की खबर देशवासियों को तब मिली जब उत्तराखण्ड के ये दोनों बेटे मां भारती की सेनाओं को मजबूती प्रदान करने में लगे हुए थे। यह भी पढ़ें- जनरल बिपिन रावत और पत्नी मधुलिका समेत 13 लोग हुए शहीद, भारतीय वायुसेना ने की पुष्टि
बता दें कि मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के दन्या निवासी बिपिन चंद्र जोशी का जन्म 05 दिसम्बर 1935 को पिथौरागढ़ में हुआ था। थल सेनाध्यक्ष के पद पर आसीन होने वाले राज्य के पहले सैन्य अधिकारी जनरल जोशी ने भारतीय थल सेना के 17वें सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था लेकिन सेवाकाल के दौरान ही 18 नवम्बर 1994 को उनका नई दिल्ली के मिलिट्री हॉस्पिटल में आकस्मिक निधन हो गया था। इसी तरह देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की जिम्मेदारी संभालने वाले जनरल बिपिन रावत भी इससे पूर्व 27 वें थलसेनाध्यक्ष का पद संभाल चुके थे। मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के द्वारीखाल ब्लॉक के सैंण गांव निवासी जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को हुआ था। उन्हें 31 दिसंबर 2019 को देश का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया था। बुधवार 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर जिले में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में वह पत्नी मधुलिका सहित शहीद हो गए। उनकी पत्नी मधुलिका मूल रूप से राज्य के उत्तरकाशी जिले की रहने वाली थी। रावत दंपति अपने पीछे देशवासियों के साथ ही दो बेटियों को भी रोते बिलखते छोड़ गए हैं।