Haldwani Guldar: जान पर बन आई फिर भी लीला ने नहीं छोड़ी हिम्मत, साहस और सूझबूझ से गुलदार को भागने पर किया विवश…
राज्य में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन जंगली जानवरों द्वारा होने वाले हमलों में न जाने कितने ही लोग अपनी जान गंवा चुके हैं तो कई लोग अभी भी घायलावस्था में है। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने साहस और सूझबूझ के बल पर न केवल अपनी जान बचाई है बल्कि जंगली जानवरों को भी मौके से भागने पर विवश कर दिया है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही साहसी एवं बहादुर महिला के बारे में बता रहे हैं जिसने एकाएक गुलदार का हमला होने के बावजूद अपना धैर्य नहीं खोया और निडरता से गुलदार (Guldar) से अपनी जान बचाई। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी (Haldwani) तहसील क्षेत्र के दमुवाढूंगा निवासी लीला लटवाल की, जिसने हाथ में मौजूद दरांती से ही गुलदार का सामना कर उसे मौके से भागने पर विवश कर दिया। हालांकि गुलदार के इस हमले में लीला गंभीर रूप से घायल भी हो गई और उसके सिर पर 30 टांके आए हैं। यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: भरी दोपहरी गांव में पहुंचा गुलदार, घुसा घर के अंदर, ग्रामीणों में मची अफरातफरी
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के दमुवाढूंगा के जवाहर ज्योति निवासी लीला लटवाल रोज की तरह जंगल में घास काटने गई थी। बताया गया है कि इसी दौरान वहां पहले से घात लगाकर छिपे एक आदमखोर गुलदार ने लीला देवी पर एकाएक हमला कर दिया। बताया गया है कि आम लोगों की तरह पहले तो एकाएक हुए इस हमले से लीला भी डर गई परन्तु कुछ ही क्षणों बाद उन्होंने खुद को संभाल लिया और निडरता से गुलदार का सामना करने का निश्चय किया। इसके लिए लीला ने अपने हाथ में मौजूद दरांती का सहारा लिया। वह दराती से बाघ पर लगातार हमला करती रही लेकिन बाघ भागने की जगह कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया। इस पर वह एक हाथ में दराती और एक हाथ से पत्थरों से वार कर गुलदार को भगाने का प्रयास करती रही। साथ ही उन्होंने मदद के लिए स्थानीय लोगों को आवाज लगानी भी नहीं छोड़ी। परिणामस्वरूप लीला के साहस और सूझबूझ को देखकर गुलदार को मौके से भागने पर विवश होना पड़ा। हालांकि गुलदार के इस हमले में लीला गम्भीर रूप से घायल हो गई। जिस पर उन्हें बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया।