आठवीं गढ़वाल राइफल्स(Garhwal Rifles) के जवान अनिल चौहानAnil Chauhan) जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में हुए शहीद खबर लगते ही पहाड़ में दौड़ी शोक की लहर
जम्मू-कश्मीर बार्डर से समूचे उत्तराखण्ड के लिए एक दुखद खबर सामने आ रही है जहां आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए मां भारती के एक और सच्चे सपूत ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। शहीद जवान की पहचान आठवीं गढ़वाल राइफल्स(Garhwal Rifles) में तैनात अनिल चौहान के रूप में हुई है। बताया गया है कि शहीद अनिल(Anil Chauhan) मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के रहने वाले थे। आतंकियों से हुई मुठभेड़ में बेटे की शहादत की खबर मिलते ही जहां शहीद के परिवार में कोहराम मचा हुआ है और माता-पिता सहित सभी परिजनों के आंखों से अश्रुओं की धारा थमने का नाम नहीं ले रही हैं वहीं उनके पैतृक गांव के साथ ही समूचे उत्तराखण्ड में भी शोक की लहर दौड़ गई है। जानकारी के अनुसार शहीद अनिल के पिता भी फौज से सेवानिवृत्त हैं और बड़ा भाई सुनील चौहान भी भारतीय सेना में कार्यरत हैं।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के द्वारीखाल के लंगूरी गांव निवासी अनिल चौहान भारतीय सेना की आठवीं गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर बार्डर पर राजौरी के मंडर सेक्टर में थी। बताया गया है कि गुरुवार सुबह जब वह आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में अपने साथियों के साथ दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे इसी दौरान एक गोली उन्हें लग गई। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और देखते ही देखते मां भारती का यह वीर सपूत सदैव के लिए चिरनिंद्रा में लीन हो गया। सेना के अधिकारियों द्वारा अनिल की शहादत की खबर मिलने पर परिवार में कोहराम मच गया। शहीद अनिल के माता-पिता जहां बेसुध हो गए वहीं भाभी का रो-रोकर बुरा हाल है। मिल रही जानकारी के अनुसार 20 वर्ष की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती होने वाले अनिल ने राइंका कीर्तिखाल से इंटरमीडिएट किया। बता दें कि बीते वर्ष वह राष्ट्रीय राइफल्स में तीन वर्ष की सेवाएं देने के बाद आठवीं गढ़वाल राइफल्स में वापस लौटे थे।