Vasvik Research Award Uttarakhand: गौरवान्वित पल, रैखोली गांव के दीवान रावत को मिला प्रतिष्ठित वासविक अनुसंधान पुरस्कार, संभाल रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन की जिम्मेदारी…
अपनी काबिलियत के दम पर ऊंचे-ऊंचे मुकाम हासिल करने वाले राज्य के होनहार वाशिंदों ने अनेकों बार समूची देवभूमि उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। समय-समय पर ऐसे होनहार वाशिंदों की सफलता की गौरवपूर्ण कहानियां न केवल हमें गौरवान्वित महसूस कराती है बल्कि राज्य के अन्य युवाओं को भी प्रेरित करती है। इसी कड़ी में आज हम आपको राज्य के एक और ऐसी ही शख्सियत से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्हें प्रतिष्ठित वासविक अनुसंधान पुरस्कार 2021 से नवाजा गया है। जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के रैखोली गांव निवासी प्रोफेसर दीवान सिंह रावत की, जिन्हें यह पुरस्कार वासविक फाउंडेशन द्वारा 802 शोध विद्यार्थियों को डिग्री दिलाने के लिए प्रदान किया गया है। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पैतृक गांव में भी खुशी की लहर है।
(Vasvik Research Award Uttarakhand)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के काफलीगैर तहसील के रैखोली गांव निवासी प्रोफेसर दीवान सिंह रावत दिल्ली विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट (एचओडी) के पद पर कार्यरत हैं। बता दें कि अपने अधीन 802 शोध विद्यार्थियों को डिग्रियां हासिल करा चुके प्रोफेसर रावत को प्रतिष्ठित वासविक अनुसंधान पुरस्कार 2021 से नवाजा गया है। यह पुरस्कार रसायन विज्ञान के क्षेत्र में दिए जाने वाले प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। जिसके तहत 1.5 लाख रुपये का नकद धनराशि दी जाती है। बताते चलें कि दीवान रावत ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के स्कूल से ही प्राप्त की है। तत्पश्चात आगे की शिक्षा के लिए वह नैनीताल चले गए। अगस्त 2020 से दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन की जिम्मेदारी संभाल रहे दीवान सिंह रावत को इससे पूर्व भी कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है जिनमें सीआरएसआई युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, आईएससीबी युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, इंटरनेशनल साइंटिफिक पार्टनरशिप फाउंडेशन (रूस), जापान एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (जापान) आदि सम्मिलित हैं।
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