Pradeep Mehra Almora: बड़ी बेदर्द भरी है प्रदीप की कहानी, गरीबी ने छीनी पढ़ाई, कच्ची उम्र में ही उठा रहा परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ, मां है बीमार, पिता करते हैं गांव में खेती, जाने प्रदीप के परिवार (family) के बारे में सबकुछ..
अपने जोश, जूनून और मेहनत के दम पर रातों रात देश विदेश के कई युवाओं का प्रेरणास्रोत बन जाने वाला वैसे तो आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है परन्तु आज हम आपको उसके परिवार के कुछ ऐसे अनछुए पहलुओं से रूबरू करा रहे हैं जिनके बारे में पढ़कर प्रदीप के लिए आपके दिलों-दिमाग में इज्जत और भी अधिक बढ़ जाएगी। बता दें कि मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया ब्लॉक के धनाड़ गांव निवासी प्रदीप मेहरा एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखता हैं। परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 12वीं के बाद प्रदीप के माता-पिता उन्हें पढ़ा नहीं पाए। गरीबी के कारण न केवल उसकी पढ़ाई छूट गई बल्कि छोटी सी उम्र में ही परिवार की जिम्मेदारियों ने उसे दिल्ली जाने को मजबूर कर दिया। परंतु नौकरी के लिए दिल्ली की सड़कों में धक्के खाने वाले प्रदीप ने फिर भी परिस्थितियों से हार नहीं मानी, यही कारण है कि अपने सपनों को साकार करने के दिन रात मेहनत करने वाला यह युवा आज करोड़ों दिलों पर राज कर चुका है।
(Pradeep Mehra Almora)
बता दें कि चौखुटिया ब्लाक के धनाड़ निवासी प्रदीप मेहरा पुत्र त्रिलोक सिंह मेहरा ने बीते वर्ष ही राजकीय इंटर कॉलेज तड़ागताल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। प्रदीप के पिता त्रिलोक सिंह मेहरा जहां गांव मे ही रहकर खेतीबाड़ी करते हैं वहीं उसकी मां बीना मेहरा बीते दो साल से बेहद बीमार है। उसको फेफड़ों में सूजन रहने की बीमारी है और दिल्ली के एक अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है। प्रदीप का बडा भाई पंकज मेहरा भी दिल्ली की एक निजी कंपनी में कार्य करता है। दोनों भाई एक साथ रहकर परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उठा रहे हैं। बताते चलें कि प्रदीप का पैतृक आवास आपदा से क्षतिग्रस्त हो गया है। वर्तमान में उसके पिता इंदिरा आवास से बने एक मकान में रहते हैं। इतना ही नहीं उनके गांव में फोन तक की सुविधा भी नहीं है।