आप सोच रहे होंगे मीडिया जगत से ताल्लुक रखते हुए भी हम देश की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भला-बुरा क्यों कह रहे हैं। तो इसका जवाब बस सिर्फ इतना सा है कि विनोद कापड़ी के बार-बार अनुरोध के बाद भी, जो लड़का अपनी दौड़ छोड़ने को एक बार भी तैयार नहीं हुआ, उसे देश की मीडिया घंटों अपने दफ्तरों में कैद कर रही है। एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के नाम पर न तो उसकी ड्यूटी का ध्यान रखा जा रहा है और ना ही उसके जोश और जज्बे के साथ ही लगन को ही सम्मान मिल रहा है। आलम यह है कि मूल रूप से अल्मोड़ा जिले का रहने वाला प्रदीप अब अपने लक्ष्य पर भी ध्यान नहीं दे पा रहा है। इसी कारण उसे यह शब्द कहने पड़ रहे हैं कि ,”मुझे इंटरव्यू के लिए परेशान ना किया जाए” विडियो में उसने यह भी कहा कि दो चार कदम दौड़ लगाने के कारण उसे इतनी प्रसिद्धि भी ना दे दी जाए कि वह अपना लक्ष्य ही भूल जाएं।