साढ़े बाइस लाख रुपए में बिका था पेपर, एसटीएफ ने आयोग के कर्मचारी और उसकी पत्नी समेत चार लोगों को किया गिरफ्तार….
जिस तरह जोशीमठ की भूमि खोखली हो रही है उसी तरह उत्तराखण्ड के बड़े बड़े सरकारी विभागों में बैठे अधिकारी कर्मचारी अपनी थोड़ी सी लालसा के लिए राज्य के युवाओं का भविष्य खोखला कर रहे हैं। एक युवा बड़ी मेहनत से परीक्षा देने जाता है वापस आने लौटने पर अपने साथियों से परीक्षा पर चर्चा करता है, आंसर की मिलाकर अपने परिणाम का इंतजार करता है परन्तु परीक्षा देने के महज चंद दिनों बाद ही उसे पता चलता है कि उसका पेपर तो पहले ही लीक हो गया था। ऐसे में युवाओं के पास ठगा महसूस करने के अलावा कोई चारा नहीं रहता। इस समय भी उत्तराखंड के वे युवा, इसी मनोस्थिति से गुजर रहे हैं जिन्होंने बीते 8 जनवरी को पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर दिया था। जी हां… पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया है। हालांकि इस संबंध में बड़ी कार्यवाही करते हुए एसटीएफ के टीम ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा भी परीक्षा को रद्द कर नई तिथि को दुबारा पेपर कराने की घोषणा कर दी गई है। अब पटवारी लेखपाल भर्ती का पेपर आगामी 12 फरवरी को दुबारा होगा।
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अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक पेपर लीक करने वाला मुख्य आरोपी उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग का ही एक कर्मचारी था। ‘घर का भेदी लंका ढाहे’ इस कहावत को चरितार्थ करने वाले इस आरोपी का नाम संजीव चर्तुवेदी बताया गया है। वह आयोग के गोपनीय विभाग के अनुभाग 3 में अनुभाग अधिकारी के रूप में कार्यरत था। बता दें कि पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर इसी अनुभाग द्वारा बनाया गया था। इस संबंध में एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल द्वारा गुरुवार देर शाम की गई पत्रकार वार्ता में बताया गया कि आरोपी संजीव चतुर्वेदी ने अपने कार्यालय से स्वयं प्रश्नपत्र लीक किया और अपनी पत्नी रितु की मदद से उसे संजीव कुमार और राजपाल को उपलब्ध करवाया। इसके एवज में संजीव चर्तुवेदी और उसकी पत्नी रितु को साढ़े बाइस लाख नकद धनराशि दी गई। जिसके बाद आरोपी राजपाल और संजीव कुमार ने पेपर बेचकर न केवल लाखों रूपए कमाए बल्कि लक्सर हरिद्वार के एक रिसॉर्ट में यह पेपर कई अभ्यर्थियों को रटवाया भी गया। इस संबंध में एसटीएफ और पुलिस की टीम ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने संजीव चर्तुवेदी के पास से अवैध 2250000 रूपए की धनराशि भी बरामद कर ली है। इसी धनराशि में उसने पेपर राजपाल और संजीव कुमार को बेचा था।