Almora tiger attack uttarakhand: काफी खोजबीन के बाद जंगल में नाले के पास मिला शव, बुधवार दोपहर से लापता थी महिला….
राज्य में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। वास्तव में पर्वतीय क्षेत्रों में आबादी की ओर बढ़ते जंगली जानवरों न केवल जी का जंजाल बन चुके हैं बल्कि जंगली जानवरों के हमले में ग्रामीणों के मौत के मुंह में समाने की दुखद खबरें भी लगातार सामने आ रही है। ऐसी ही एक दुखद खबर आज राज्य के अल्मोड़ा जिले से सामने आ रही है जहां सल्ट विकासखण्ड के झड़गांव की एक महिला को आदमखोर बाघ ने अपना निवाला बना लिया है। काफी खोजबीन के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग कर्मियों की सहायता से महिला का क्षत विक्षत शव जंगल से बरामद कर लिया है। इस दुखद खबर से जहां मृतक के परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं समूचे क्षेत्र में भी शोक के साथ ही दहशत व्याप्त है।
(Almora tiger attack uttarakhand)
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के सल्ट विकासखण्ड क्षेत्र के झडगांव ग्राम पंचायत के तया मल्ला तोक निवासी यशवंत सिंह की पत्नी कमला देवी बीते बुधवार को एकाएक लापता हो गई थी। पहले तो परिजनों को लगा कि कमला रोज की तरह जंगल में घास लाने गई है परन्तु जब देर शाम तक भी वह घर वापस नहीं लौटी तो चिंतित परिजनों ने अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर उसकी तलाश शुरू कर दी। किसी अनिष्ट की आंशका को देखते हुए ग्रामीणों ने मामले की सूचना देर शाम ही वन विभाग की टीम को भी दे दी। जिस पर मौके पर पहुंचे वन क्षेत्राधिकारी मोहान गंगाशरण व विक्रम सिंह कैडा जौरासी रेंज ने अपनी टीम के साथ रात करीब 11 बजे सर्च आपरेशन चलाया। परंतु कमला का कोई पता नहीं चला। गुरूवार को एक बार फिर महिला की खोजबीन शुरू की गई तो कमला का क्षत विक्षत शव बदनगढ नाले के पास से बरामद हुआ।
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इस संबंध में रेंज अधिकारी गंगाशरण का कहना है कि मृतका के गले में जंगली जानवर के दांत के निशान हैं और मौके पर बाघ के बाल भी गिरे मिले हैं। जिस कारण प्रथम दृष्टया यही लग रहा है महिला पर बाघ ने ही हमला किया है। उधर दूसरी ओर सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस विभाग की टीम ने मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आपको बता दें कि 3 माह पूर्व बीते वर्ष नवंबर में भी इसी क्षेत्र के सांकर गांव की रहने वाली गुड्डी देवी को भी बाघ ने मार डाला था। 3 महीने के भीतर इस तरह की दूसरी घटना होने से जहां पूरे क्षेत्र में भय और दहशत का माहौल है वहीं ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ आक्रोश भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने वन विभाग से बाघ की इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।
(Almora tiger attack uttarakhand)
सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।