uttarakhand 10th board exam: आखिरी पेपर से पहले फंदे से लटकी मिली छात्रा, परिवार में मचा कोहराम, माता पिता सहित इकलौते भाई का रो-रोकर बुरा हाल….
राज्य के नैनीताल जिले से एक दुखद खबर सामने आ रही है जहां हल्द्वानी में आखिरी पेपर से पहले दसवीं की एक छात्रा ने फांसी के फंदे से झूलकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुखद खबर से जहां परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वहीं उनकी आंखों से आंसू भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस विभाग की टीम ने मृतका के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है।
(uttarakhand 10th board exam)
यह भी पढ़ें- Uttarakhand earthquake News: उत्तराखंड में भूकंप से डोल उठी धरती घरों से बाहर निकले लोग
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर स्थित सर्प गांव निवासी हरीश चंद्र जोशी वर्तमान में नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के नवाबी रोड स्थित मथुरा विहार में रहते है। प्लंबर का कार्य करने वाले हरीश के साथ, उनकी पत्नी रेखा, बेटी तनुजा और बेटा चंद्रशेखर भी रहते हैं। बताया गया है कि तनुजा केंद्रीय विद्यालय में कक्षा दस की छात्रा थी। इन दिनाें उसकी परीक्षाएं चल रही थीं। परंतु गणित के अंतिम पेपर से पहले ही उसका शव कमरे में फंदे पर लटका मिला। इस बारे में परिजनों के मुताबिक सुबह तनुजा रोज की तरह ट्यूशन गई थी। लौटकर तनुजा ने सभी के साथ खाना खाया। जिसके बाद उसके पिता हरीश अपने काम से कठघरिया चले गए और रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाने वाली उसकी मां दुकान पर चली गईं जबकि छोटा भाई चंद्रशेखर कुत्ता टहलाने चला गया। परंतु जैसे ही चन्द्रशेखर कुत्ते को घुमाकर वापस अपने घर लौटा तो उसने तनुजा को आवाज दी और उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया।
(uttarakhand 10th board exam)
यह भी पढ़ें- Ankit murder case pithoragarh: दोस्त की प्रेमिका के परिजनों ने मिलकर कर दी युवक की हत्या
जब काफी देर तक कोई जबाव नहीं मिला तो उसने इसकी सूचना तुरंत अपने माता पिता को दी। जिस पर तुरंत घर लौटे उसके पिता ने दरवाजा तोड़ा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। कमरे में तनुजा फंदे पर लटकी हुई मिली। जिसके बाद उन्होंने तनुजा को फंदे से उतारकर सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना से जहां तनुजा के माता पिता का रो-रोकर बुरा हाल है वहीं बहन को हमेशा के लिए खो देने की खबर से उसका छोटा भाई चन्द्रशेखर भी सदमे में है। रूंधे हुए गले से वह इतना ही कह पा रहा है कि जब वह कुत्ता टहलाने के लिए बाहर जा रहा था तो तनुजा ने उसे सड़क की तरफ जाने से मना करते हुए मां की डांट से बचने की हिदायत दी थी। तब शायद चन्द्रशेखर को पता भी नहीं होगा कि यह उसकी दीदी की अंतिम आवाज होगी, अब वह मां की डांट से उसे बचाने वाली तनुजा की आवाज दोबारा कभी नहीं सुन पाएगा। इतना कहते ही उसकी आंखों से अविरल अश्रुओं की धारा बह रही है।
(uttarakhand 10th board exam)