Champawat pregnant women: परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप, कहा शिशु की मौत के 24 घंटे बाद भी नहीं किया गया आपरेशन, मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को पत्र भेजकर लगाई न्याय की गुहार…
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति आज किसी से भी छिपी नहीं है। बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का सबसे अधिक खामियाजा पहाड़ की गरीब गर्भवती महिलाओं और बुर्जुगों को भुगतना पड़ रहा है। अच्छी स्वास्थ्य सेवा ना होने के कारण पहाड़ के लगभग सभी जिलों में अब तक कई गर्भवती महिलाएं, नवजात शिशु और बुजुर्ग काल का ग्रास बन चुके हैं। ऐसी ही एक दुखद खबर आज राज्य के चम्पावत जिले से सामने आ रही है जहां शिशु की मौत के 24 घंटे बाद ही प्रसूता महिला की मौत हो गई है। बताया गया है कि शिशु की मौत के 24 घंटे तक पीड़िता का प्रसव नहीं किया गया जिससे लोहाघाट से हायर सेंटर रेफर गर्भवती महिला ने जिला अस्पताल में दम तोड दिया। अब मृतका के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को पत्र भेजते हुए न केवल न्याय की गुहार लगाई है बल्कि पत्र में यह भी लिखा है कि यदि समय से ऑपरेशन होता तो गर्भवती की जान बचाई जा सकती थी।
(Champawat pregnant women)
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अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र के पाटन पाटनी गांव निवासी सीमा विश्वकर्मा इन दिनों गर्भवती थी। बताया गया है कि बीते 24 अप्रैल को पीड़ा होने पर परिजनों ने सीमा को उप जिला अस्पताल लोहाघाट में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने गर्भ में बच्चे की मौत होना बताकर सीमा को चंपावत जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में 25 अप्रैल की शाम को जैसे ही चिकित्सक सीमा का प्रसव करने की कोशिश कर रहे थे उसी दौरान एक इंजेक्शन लगाने से अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई , जिसके बाद उसे आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया जहां उसने कुछ ही देर बाद दम तोड दिया। इस संबंध में गर्भवती के पति पुष्कर विश्वकर्मा ने ऑपरेशन करने के बजाय एक दिन बाद सामान्य प्रसव की प्रक्रिया शुरू करने को घोर लापरवाही बताते हुए अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सकों पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि समय रहते ऑपरेशन होने पर सीमा की जिंदगी बच सकती थी।
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