Geeta rawat haridwar CBSE: गीता रावत ने परिवार की विषम परिस्थितियों से जूझते हुए हासिल किया मुकाम, सेल्फ स्टडी के दम पर पाई सफलता…
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती इन चंद पंक्तियों को एक बार फिर सच कर दिखाया है राज्य के हरिद्वार जिले केशवपुर की गली नंबर 17 की रहने वाली गीता रावत ने। जी हां बीते शुक्रवार को घोषित हुए सीबीएसई 10वीं के परीक्षा परिणामों में गीता रावत ने 97% अंक हासिल करके अपने स्कूल तथा क्षेत्र का नाम रोशन किया है। बता दें कि गीता ने यह मुकाम न केवल परिवार की विषम परिस्थितियों जूझते हुए हासिल किया है बल्कि उन्होंने यह उपलब्धि बिना किसी कोचिंग के अपनी कड़ी मेहनत और सेल्फ स्टडी के दम पर भी हासिल की है।
(Geeta rawat haridwar CBSE)
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बताते चलें गीता रावत जब आठवीं कक्षा में पढ़ती थी तो उनकी माता सुनीता रावत का निधन हो गया। इससे पहले कि वह मां की मौत के सदमे से उभर पाती, उसी वर्ष उसके पिता अनिल रावत का भी निधन हो गया। सर से माता पिता दोनों का साया उठने के बावजूद भी गीता ने हार नहीं मानी और दसवीं की परीक्षा में 97% अंक प्राप्त किए। तीन भाई बहनों वाले परिवार में गीता की बड़ी बहन घर पर ही रहती है तथा उसका भाई सातवीं कक्षा में पढता है। तीनो भाई बहन अपने दादा शूरवीर सिंह रावत तथा दादी भावना रावत के साथ रहते हैं। गीता का कहना है कि उसके माता पिता का सपना था कि वह पढ़ लिख कर अफसर बने उसने अपने माता-पिता के सपने को सच करने के लिए मेहनत करना शुरू कर दिया जिस कारण वह हाई स्कूल की परीक्षा में 97% अंक हासिल कर सकी। गीता रावत फुटहिल एकेडमी में पढ़ती है। सबसे खास बात तो यह है कि गीता ने घर पर ही पढ़ाई करके हिंदी में 95 आने पर गणित में 96 विज्ञान में 97 सामाजिक विज्ञान में 99 कंप्यूटर में 96 तथा अंग्रेजी में 100 अंक प्राप्त किए हैं। उनकी इस सफलता से घर पर खुशी का माहौल है वही बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
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