उत्तराखंड : पिथौरागढ़ की छात्राओं के साथ ऐसा कैसे हो सकता है परिजनों का फूट पड़ा गुस्सा….
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Pithoragarh school girls: बेरीनाग की तीन होनहार छात्राओं को भुगतना पड़ा सिस्टम की लापरवाही का खामियाजा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सम्मानित होने से रह गई वंचित…
आज जहां पूरे देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डिजिटल इंडिया बनाने की बात की जाती है वही उत्तराखंड के हिंदी भाषा संस्थान के अफसर अभी भी डिजिटल युग में नहीं बल्कि पहले की भांति चिट्ठी युग में ही काम कर रहे हैं। हिंदी भाषा संस्थान अफसरों के चिट्ठी युग में जीने के कारण उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के तीन छात्र उत्तराखंड बोर्ड में हिंदी विषय में सर्वाधिक अंक लाने के हिंदी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सम्मानित होने से वंचित रह गए।
(Pithoragarh school girls)
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आइए आपके पूरे मामले से अवगत कराते हैं। मामला कुछ इस प्रकार से है कि 14 सितंबर यानी हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी भाषा संस्थान द्वारा देहरादून में उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2022-23 में हिंदी विषय में सर्वोच्च अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा भाषा मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा सम्मानित किया गया। पिथौरागढ़ के बेरीनाग के हिमालया इंटर कॉलेज चौकोडी की तीन छात्राओं का भी इस पुरस्कार हेतु चयन हुआ था लेकिन तीनों छात्राएं इस पुरस्कार को प्राप्त करने से वंचित रह गई कारण हिंदी भाषा संस्थान द्वारा 29 अगस्त को छात्राओं के चयन का पोस्ट विद्यालय को भेजा गया जो कि विद्यालय को 14 सितंबर को दोपहर को प्राप्त हुआ। पत्र मिलने के बाद स्कूल की प्रधानाचार्य देव बाला बिष्ट ने हिंदी भाषा संस्थान में संपर्क किया लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार का जवाब नहीं मिला। प्रधानाचार्य ने सम्मान की जानकारी छात्राओं के परिजनों को दी जिस पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा।
(Pithoragarh school girls)
आपको बता दें कि बेरीनाग से देहरादून के बीच की दूरी लगभग 600 किलोमीटर है। जहां पहुंचने के लिए लगभग 12 घंटे का समय लगता है। हिंदी भाषा संस्थान के इस रवैया से प्रधानाचार्य तथा परिजन आक्रोश में है। प्रधानाचार्य का कहना है कि हिंदी भाषा संस्थान को विद्यालय तथा बच्चों के परिजनों के फोन नंबर उपलब्ध कराए गए थे तो हिंदी भाषा संस्थान द्वारा उन्हें कॉल या मैसेज क्यों नहीं किया गया। वही हिंदी विषय में सर्वाधिक 100 में से 99 अंक लाने वाली छात्राएं भावना रावत रिद्धिमा कार्की तथा योगिता पंत हिंदी भाषा संस्थान की लापरवाही के कारण सम्मान से वंचित रहने पर काफी निराश हैं।
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