बिग ब्रेकिंग :उत्तरकाशी यमुनोत्री टनल हाईवे से जुड़ा आया बड़ा अपडेट
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Yamunotri Highway Silkyara Tunnel accident
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाइवे पर सिलक्यारा में हुए भयावह भूस्खलन से करीब 40 लोग बीते पांच दिनों से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे न केवल सुरंग के भीतर फंसे लोगों के परिजनों और उनके साथियों का धैर्य जवाब देने लगा है बल्कि स्थानीय लोगों की ओर से भी कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। आपको बता दें कि नई एडवांस ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम जारी है, लेकिन अभी तक केवल डेढ़ पाइप ही मलबे में डाला जा सका है। यहां पाइपों की वेल्डिंग में एक से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। वहीं इस कार्य में एलाइनमेंट का भी विशेष ध्यान रखना पड़ रहा है। सुरंग में करीब 70 मीटर तक मलबा पसरा हुआ है। इसे देखकर रेस्क्यू कार्य में एक से दो दिन का समय और लगने की संभावना है। हालांकि अंदर फंसे सभी 40 मजदूर सुरक्षित हैं। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें खाने और ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जिस स्थान पर यह हादसा हुआ है वहां पर कंपनी ने टनल निर्माण के लिए उसके पास पहले से स्थापित बाबा बौखनाथ के मंदिर को तोड़ दिया था। स्थानीय लोग इसे मंदिर को तोड़ने का ही प्रकोप बता रहे हैं। उधर भू वैज्ञानिकों की मानें तो उन्होंने इसका कारण रिचार्ज जोन को बताया है। आपको बता दें कि रिचार्ज जोन ऐसा जोन होता है, जहां पानी एकत्रित होता है और यह प्रक्रिया प्राकृतिक रूप से संचालित होती है। वैज्ञानिकों की मानें तो इससे पहाड़ी गलने लगी है इसका उपचार भी असम्भव ही हैं।
(Yamunotri Highway Silkyara Tunnel accident)
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Yamunotri Highway Silkyara rescue
कारण चाहे जो भी हो परंतु सुरंग के भीतर फंसे 40 लोगों के लिए एक एक पल भारी पड़ रहा है। भले ही उन्हें सुराख से आक्सीजन और पाइप से खाना मुहैया कराया जा रहा हों लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस तरह से सभी 40 लोगों की जिंदगी सकुशल बचा पाना बेहद मुश्किल है। इस बात को शासन प्रशासन के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य चला रही एजेंसियां भी समझ रही है यही कारण है कि अब युद्ध स्तर पर चलाएं जा रहे राहत एवं बचाव कार्य का जिम्मा भारतीय वायुसेना को सौंपा गया है।
आपको बता दें कि इंडियन एयरफोर्स ने बीते रोज अपने तीन हरक्यूलिस विमानों से हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन नई दिल्ली से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचाई है। माना जा रहा है कि यह मशीन सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए संकटमोचक साबित होगी। आपको बता दें कि इस मशीन के जरिए प्रति घंटे पांच मीटर मलबा को पार किया जा सकेगा। यह हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन 25 टन भरी है। जो मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी। इतना ही नहीं इसके अतिरिक्त सुरंग के अंदर फंसे लोगों की जान बचाने के लिए नॉर्वे और थाईलैंड की विशेषज्ञ टीमों की भी मदद ली जा रही है। बताते चलें कि इन विशेषज्ञों की टीम ने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकालने में मदद की थी।
Yamunotri Highway Silkyara rescue
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सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।
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