Radha Raturi chief secretary: उत्तराखण्ड में पहली बार किसी महिला आईएएस अधिकारी को सौंपी गई मुख्य सचिव की जिम्मेदारी, जाने आईएएस राधा रतूड़ी के बारे में….
Radha Raturi chief secretary
उत्तराखण्ड के इतिहास में पहली बार एक महिला आईएएस अधिकारी को राज्य की नौकरशाही का जिम्मा सौंपा गया है। जी हां.. आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी को उत्तराखंड सरकार ने राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया है। बीते रोज उन्होंने राज्य के नए मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण किया। बता दें कि मूल रूप से मध्य प्रदेश की रहने वाली आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी उत्तराखण्ड की बहू भी है। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी, जिसके उपरांत उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर जहां सबसे पहले इंडियन इनफॉरमेशन सर्विस (आईआईएस) बनने का मुकाम हासिल किया वहीं इसके बाद वह इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) के बाद इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आईएएस) अधिकारी बनी।
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IAS Radha Raturi Uttarakhand
बता दें कि उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव का जिम्मा संभालने वाली आईएएस राधा रतूड़ी के पिता बीके श्रीवास्तव सिविल सर्विस में थे। उन्होंने ही राधा को पत्रकारिता छोड़कर सिविल सेवा की तरफ जाने के लिए प्रेरित किया। पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए उन्होंने इसकी शुरुआत एक आईआरएस अधिकारी के रूप में की और उनका यह सफर एक आईपीएस अधिकारी बनकर ख़त्म हुआ। बताते चलें कि 1985 में अपनी परास्नातक की डिग्री मास कॉम्यूनिकेशन से हासिल करने वाली राधा श्रीवास्तव ने उच्च शिक्षा हासिल करने बाद उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस मुंबई में ट्रेनिंग भी करने के उपरांत कुछ समय के लिए इंडिया टुडे मैगजीन में भी काम किया। वर्ष 1987 में आईपीएस अधिकारी बनने के उपरांत हैदराबाद में ट्रेनिंग के दौरान उनकी मुलाकात अपने ही बैचमेट आईपीएस अधिकारी अनिल रतूड़ी से हुई, जहां दोनों में दोस्ती हो गई। यह दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला, जिसके बाद दोनों ने अपने परिजनों की रजामंदी से शादी की और राधा उत्तराखण्ड की बहू बन गई। विदित हो कि आईपीएस अधिकारी अनिल रतूड़ी पूर्व में उत्तराखण्ड पुलिस के डीजीपी की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
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IAS Radha Raturi Biography
बता दें कि शादी के उपरांत उन्होंने 1988 में पुनः सिविल सेवा की परीक्षा देकर अपनी काबिलियत का डंका बजाया और वह न केवल मध्य प्रदेश कैडर से आईएएस अधिकारी बनी बल्कि उन्होंने अपने राज्य में सर्वाधिक अंक हासिल कर सबसे ऊपर रैंक हासिल करने का भी मुकाम हासिल किया। वह अब तक 4 राज्यों में सेवाएं दे चुकी हैं। वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड राज्य गठित होने के उपरांत उन्होंने अपना कैडर बदलवाया और वह उत्तराखंड कैडर की आईएएस अधिकारी बन गई। जिसके बाद से ही वह उत्तराखंड में अपनी सेवाएं दे रही है। उन्होंने न केवल कई जिलों के जिलाधिकारी की जिम्मेदारी बखूबी से निभाई बल्कि उन्होंने उत्तराखंड में लगभग 10 वर्ष तक चीफ इलेक्ट्रोल ऑफिसर का जिम्मा भी संभाला।