Champawat marriage news today: घर में दुल्हन बनी बेटी ले रही थी अग्नि के सात फेरे, पिता ने अस्पताल में तोड़ दिया दम, पहले उठी बेटी की डोली फिर पिता की अर्थी को मिले कंधे, परिवार में मचा कोहराम, घटना से हर कोई स्तब्ध….
Champawat marriage news today
राज्य के चम्पावत जिले से एक बेहद हृदयविदारक खबर सामने आ रही है, जिसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि नियती का क्रूर चक्र कब कैसे रंग दिखाएं, इसके बारे में कोई तनिक भी अंदाजा नहीं लगा सकता। मामला जिले के लोहाघाट क्षेत्र का है जहां एक ओर तो बेटी शादी के मंडप में बैठी थी वहीं उसके पिता अस्पताल में अपनी अंतिम सांसें गिन रहे थे, इससे पहले कि बेटी की शादी संपन्न होती, उसके सात फेरे लेने से पहले ही पिता ने अस्पताल में दम तोड दिया। वो तो कन्यादान कर रहे दुल्हन के ताऊ ने सूझबूझ का परिचय देते हुए इस हृदयविदारक घटना की भनक किसी को नहीं लगने दी अन्यथा शादी के मंडप में ही मातम पसर जाता। दुल्हन की विदाई के बाद उसके पिता की मौत की खबर अन्य परिजनों को दी गई, यहां तक कि दुल्हन को तो उसके पिता की मौत की खबर ससुराल में पता चलीं। इस तरह बेटी की डोली उठने के तुरंत बाद शादी वाले घर से उसके पिता की अर्थी उठानी पड़ी। जिस घर में चंद पलों पहले तक खुशियां सरोबार थी, वहां उसके पिता के मौत की खबर फैलते ही मातम पसर गया। इस दुखद घटना से न केवल परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वहीं समूचे क्षेत्र के लोग भी नियति के इस कुचक्र से स्तब्ध है।
अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक मूल रूप से राज्य के चम्पावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र के सुंई पऊ गांव के सिमला तोक निवासी दीपक चंद्र जोशी पुत्र भवानी दत्त की सबसे छोटी बेटी सुनीता की शादी रविवार को देवीधुरा के किमाड़ गांव निवासी हरीश चंद्र जोशी के बेटे निर्मल से तय हुई थी। पूरा परिवार शादी की तैयारियों में हर्षोल्लास से जुटा हुआ था कि इसी बीच नियति ने अपना क्रूर पासा फेंका, अब तक बेटी की शादी की तैयारियों में जोर शोर से जुटे उसके पिता दीपक की तबियत बारात आने से पहले ही शनिवार रात को एकाएक खराब हो गई, जिस पर परिजनों द्वारा उन्हें उपजिला अस्पताल लोहाघाट में भर्ती कराया, जहां से उनकी नाजुक हालत को देखते हुए रविवार सुबह उन्हें जिला चिकित्सालय चम्पावत रेफर कर दिया गया। यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: पहाड़ में गहरी खाई में समाई थार, मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर की गई जिंदगी
बता दें कि इसी बीच सुनिता की बरात भी गांव पहुंच गई, दूल्हे के आतिथ्य सत्कार के बाद शादी की रस्में शुरू होने लगी और कन्यादान सुनीता के ताऊ प्रकाश चंद्र जोशी ने किया। बताया गया है कि जब दुल्हन सुनीता, निर्मल के साथ अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे ले रही थी, उसी दौरान दीपक की तबीयत और भी अधिक बिगड़ गई और उन्होंने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड दिया। परंतु दुल्हन के ताऊं प्रकाश ने इस बात की भनक भी न तो दुल्हन को लगने दी, ना दुल्हन के मां सहित अन्य परिजनों को इस बात की जानकारी दी, ताकि विवाह में व्यवधान न पहुंचे। दुल्हन को जहां यह दुखद खबर ससुराल पहुंचने के बाद मिली वहीं बारात विदा होने के बाद गांव मे दीपक की मौत की सूचना दी गई। जिससे परिवार के साथ गांव में कोहराम मच गया। खासतौर पर बेटी की विदाई के पश्चात एकाएक पति का शव सामने आ जाने से सुनीता की मां पुष्पा एकाएक बेसुध हो गई। इस हृदयविदारक दृश्य ने वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम कर दी। बीते सोमवार को गमगीन माहौल में दीपक का अंतिम संस्कार रामेश्वर घाट में किया गया।