Uttarakhand bhu kanoon Rally gairsain: हजारों की संख्या में लोगों ने निकाली रैली, मूल निवास 1950, सशक्त भू कानून के साथ स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने की रखी मांग….
Uttarakhand bhu kanoon Rally gairsain जिनको लगती है ठंड वो छोड़ दो उत्तराखण्ड, हमें चाहिए भू कानून, जल जंगल जमीन हमारी नहीं चलेगी धौंस तुम्हारी जैसे नारों से गैरसैंण की धरती रविवार को ढोल नगाड़ों की थाप पर गूंजायमान हो उठी। जी हां… रविवार 1 सितंबर को भू-कानून समन्वय समिति ने महारैली का आयोजन किया। संघर्ष समिति के आह्वान पर हजारों की संख्या में लोगों का हूजूम सड़कों पर उमड़ पड़ा। इस दौरान लोगों ने मूल निवास 1950 और हिमाचल सरीखे सशक्त भू-कानून व गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर अपनी बुलंद आवाज में गढ़रत्न लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों को गाते हुए आंदोलनकारी रामलीला मैदान गैरसैंण से डाकबंगला रोड होते हुए आंदोलन स्थल पर पहुंचे। यहां हुई सभा को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा, कांग्रेस और यूकेडी को आड़े हाथों लिया।
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Uttarakhand mool nivas Rally gairsain जनसभा को संबोधित करते हुए समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि प्रदेश में नौकरी, रोजगार, जल, जंगल, जमीन पर बाहरी लोगों का कब्जा हो गया हैं। प्रदेश में बाहरी लोगों की संख्या 40 लाख से अधिक हो चुकी है। ऐसे में उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के हितों की रक्षा के लिए मूल निवास 1950 और सशक्त भू कानून लागू करने की आवश्यकता है। जिससे उत्तराखण्डियों के हक हुकूक जल जंगल जमीन आदि बचाए जा सकें एवं यहां के रोजगारों पर भी स्थानीय निवासियों को पहला हक मिले। उन्होंने प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाए जाने पर भी जोर देते हुए कहा कि जब प्रदेश की राजधानी पहाड़ में होगी तभी उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों का सतत विकास संभव है। अपनी इस मांग पर उन्होंने राजधानी गठन के लिए बनी कौशिक समिति की सिफारिशों का भी हवाला दिया। आपको बता दें कि महारैली में स्थानीय महिला मंगलदलों, युवाओं, पुरुषों, स्थानीय निवासियों, व्यापारियों, राजनीतिक दलों और उत्तराखंड राज्य के विभिन्न जिलों से आए लोगों ने प्रतिभाग किया।
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