Nainital police news today: स्थानीय लोगों ने आरोपी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर किया जमकर हंगामा, मामला बढ़ता देख एसएसपी ने आरोपी दरोगा को किया लाईन हाजिर…
Nainital police news today आमतौर पर शांत समझी जाने वाली उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों की वादियों में फेरी वाले से आईडी मांगना एक युवक को भारी पड़ गया। जी हां… नैनीताल जिले से आ रही इस दुखद खबर को देखते हुए तो यही कहा जा सकता है, जहां उत्तराखण्ड पुलिस का खौफनाक चेहरा सामने आया है। पूरा मामला नैनीताल जिले के खन्स्यु थाना क्षेत्र का है जहां गांव आए फेरी वालों से पहचान पत्र मांगने पर खनस्यू पुलिस ने न केवल युवक को हिरासत में लेकर खनस्यू थाने पहुंचाया बल्कि खन्स्यु पुलिस के SI शादिक हुसैन ने अपने एक पुलिस कर्मी विनोद यादव के साथ युवक की बुरी तरह पिटाई भी कर दी। बिना किसी गलती के एक जागरूक युवक की पुलिस द्वारा इस तरह पिटाई किए जाने की खबर मिलते ही क्षेत्रवासियों का आक्रोश भड़क उठा। आक्रोशित लोगों ने आरोपित पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर काफी हंगामा किया। फिलहाल मामले को बढ़ता देख एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा ने SI शादिक हुसैन को लाइन हाज़िर कर दिया। परंतु सवाल अभी भी यही है कि क्या पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बढ़ती आपराधिक घटनाओं के बाद पहाड़ के लोगों द्वारा जागरूकता दिखाना कोई अपराध है?
khanshu okhalkanda news today अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के ओखलकांडा विकासखण्ड के खनस्यू तहसील क्षेत्र के सुई गांव के रहने वाले मनमोहन शर्मा, जब बिना अनुमति पत्र के क्षेत्र में सामान बेचने पहुंचे फेरी वाले से उसका परिचय पत्र मांगा। बताया गया है कि किसी तरह मामला संज्ञान में आने के बाद खन्स्यु थाने में तैनात उत्तराखंड पुलिस के सब इंस्पेक्टर शादिक हुसैन को यह बात इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने अपने एक अन्य पुलिस कर्मी विनोद यादव के साथ मनमोहन को थाने में ले जाकर उसे इतनी बुरी तरह पीट डाला कि उसके शरीर पर नीले निशान नजर आने लगे। जिसकी फोटो एवं वीडियो भी इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहे हैं। मित्र पुलिस के इस निंदनीय रवैए से आक्रोशित स्थानीय ग्रामीण ने आरोपी दारोगा और कॉस्टेबल को बर्खास्त करने की मांग केसाथ ही मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इतना ही नहीं आरोपियों की बर्खास्तगी के लिए स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन को दो दिनों का अल्टीमेटम देते हुए यह भी कहा है कि अगर 2 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।