Dinesh Sharma Martyr lance naik: पाकिस्तानी फायरिंग का जबाब देते हुए बम ब्लास्ट में शहीद हुए दिनेश, अपने पीछे छोड़ गए गर्भवती पत्नी और दो बच्चों सहित भरे पूरे परिवार को रोते बिलखते….
Dinesh Sharma Martyr lance naik: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान बार्डर पर तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पहलगाम हमले के बाद से ही जहां पाकिस्तानी सेना की ओर से बार्डर एरिया में गोलाबारी जारी है वहीं भारतीय सेना द्वारा बीते रोज आपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई कर पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई। इसके बाद से भारत पाकिस्तान के बीच तनाव और भी अधिक बढ़ गया है। बीते रोज पाकिस्तान सेना की ओर से की गई गोलाबारी से जहां 15 भारतीय नागरिकों की मौत की खबर है वहीं बार्डर पर तैनात भारतीय सेना का एक जवान भी शहीद हो गया है। शहीद जवान की पहचान लांस नायक दिनेश कुमार शर्मा के रूप में हुई है। बताया गया है कि वे मूल रूप से हरियाणा के पलवल जिले के रहने वाले थे। उनकी शहादत की खबर से जहां उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं समूचे क्षेत्र के साथ ही पूरे देश में भी शोक की लहर दौड़ गई है। शहीद दिनेश अपने पीछे अपनी गर्भवती पत्नी, एक बेटा और एक बेटी के साथ ही भरे पूरे परिवार को रोते बिलखते छोड़ गए हैं।
Dinesh Sharma Martyr Palwal Haryana: अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक मूल रूप से हरियाणा के पलवल जिले के मोहम्मदपुर गांव निवासी दिनेश कुमार शर्मा वर्ष 2014 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। इन दिनों उनकी पोस्टिंग भारतीय सेना की 5 फिल्ड रेजीमेंट में बतौर लांस नायक, जम्मू कश्मीर के पूंछ सेक्टर में थी। बताया गया है कि बीते रोज पाकिस्तानी सेना की ओर से जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद फायरिंग की जा रही थी तो दिनेश अपने कुछ साथियों के साथ जवाबी फायरिंग करने लगे। इसी दौरान पाक की तरफ से किए गए बम ब्लास्ट में दिनेश और उनके 4 साथी बुरी तरह घायल हो गए। उनके साथियों ने सभी घायल जवानों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जहां दिनेश ने वीरगति प्राप्त की जबकि उनके चार साथियों की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है। आपको बता दें कि मां भारती की रक्षा करते हुए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले दिनेश अपने परिवार में 5 भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके 2 छोटे भाई कपिल और हरदत्त भी अग्निवीर योजना के तहत सेना में भर्ती हुए हैं। शहीद दिनेश की पत्नी सीमा एक वकील हैं और इन दिनों गर्भवती भी है। शहीद दिनेश का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना सेना के अधिकारियों द्वारा जताई गई है। यह भी पढ़ें- Operation sindoor: उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने क्या कहा ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में?
सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।