Tanakpur road accident today: टनकपुर में सड़क पार कर रहीं बुजुर्ग महिला को कार ने रौंदा, इलाज के दौरान तोड़ा दम
Tanakpur road accident today: उत्तराखण्ड में दर्दनाक सड़क दुघर्टनाओं का तांडव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। भयावह सड़क हादसे की ऐसी ही एक दुखद खबर आज राज्य के चम्पावत जिले से सामने आ रही है जहां सितारगंज-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग एक बार फिर लापरवाही का गवाह बन गया। आपको बता दें इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीते सोमवार को कमलपथ के पास कैंटीन जा रही एक बुजुर्ग महिला सड़क पार करते समय कार की चपेट में आ गई। गंभीर रूप से घायल महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हादसे ने न सिर्फ एक परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया, बल्कि सड़क सुरक्षा पर भी एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
tanakpur accident news today अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक मूल रूप से राज्य के चम्पावत जिले के टनकपुर क्षेत्र के नायकगोठ निवासी 66 वर्षीय शांति देवी रोजमर्रा का सामान लेने सेना की कैंटीन जा रही थीं। बताया गया है कि कमलपथ के पास बस से उतरने के बाद जैसे ही उन्होंने सड़क पार करने की कोशिश की, तेज़ रफ्तार से आ रही एक कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक टक्कर इतनी तेज थी कि महिला दूर जा गिरी और मौके पर ही अचेत हो गईं। कार चालक ने तुरंत महिला को टनकपुर उप जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। लेकिन हायर सेंटर ले जाते समय खटीमा के पास शांति देवी ने अंतिम सांस ली। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। यह भी पढ़ें- Jammu Kashmir जम्मू कश्मीर में तैनात जवान मदन सिंह गुर्जर शहीद, दौड़ी शोक की लहर
champawat tanakpur kamalpath road accident today हादसे की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। शांति देवी की मृत्यु ने स्थानीय लोगों में भी गहरी पीड़ा और आक्रोश भर दिया है। आपको बता दें कि कमलपथ क्षेत्र में पर्याप्त सड़क सुरक्षा इंतज़ामों की कमी को लेकर लोग पहले से ही नाराज़ हैं, और अब इस हादसे ने हालात की गंभीरता को उजागर कर दिया है। टनकपुर पुलिस के अनुसार, परिजनों ने अभी तक कोई तहरीर नहीं दी है। घटना की जांच की जा रही है।
सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।