Dushyant Gautam helicopter crash : “लोग मरते हैं तो मरने दीजिए, आप ही रोक सकते हैं मौत…” – हेलीकॉप्टर हादसे पर दुष्यंत गौतम का बेतुका बयान, यशपाल आर्य ने कहा– शर्म और संवेदना मीलों दूर
“हेलीकॉप्टर ऐसा उड़ाइए जिसमें कोई न मरे” – क्या यही है जवाबदेही? Dushyant Gautam viral video
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दुष्यंत गौतम कहते नजर आते हैं: “लोग मर भी रहे हैं… मृत्यु दर भी चलेगी… दुख तो है ही उनका… लेकिन आप दो-तीन अच्छी योजनाएं चलाइए, हेलीकॉप्टर उड़ाइए जिसमें न मरे लोग। गारंटी देके चलाइएगा, आप तो महापुरुष हैं, आप ही चला सकते हैं।”
ऐसे बयान पर व्यंग्य करना आसान है, लेकिन सवाल यह है कि जब उत्तराखंड जैसे राज्य में सत्ता की सबसे जिम्मेदार कुर्सियों पर बैठे लोग दुर्घटनाओं पर भी चुटकी लेते नजर आएं, तो क्या इसे केवल ‘बयान’ कहा जा सकता है?
हालांकि अभी तक इस विडियो के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पा रही है कि यह विडियो कब का है और कहां का है परन्तु सोशल मीडिया पर इसे रूड़की का बताया जा रहा है। देवभूमि दर्शन इस वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है। परंतु यह बयान कहीं भी दिया गया हों बेहद शर्मनाक एवं घटिया स्तर की मानसिकता का परिचायक है और सत्ता पर बैठे लोगों से तो ऐसे बयान की कल्पना भी दूर दूर तक नहीं की जा सकती है।
दुष्यंत गौतम कौन हैं? Dushyant Gautam BJP uttarakhand
आपको बता दें कि दुष्यंत कुमार गौतम, सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी भी हैं। यानी केंद्र और राज्य के बीच संगठनात्मक पुल का कार्य करने वाली वह प्रमुख भूमिका, जो नीतियों से लेकर जनता की अपेक्षाओं तक हर मुद्दे पर भाजपा की रीढ़ मानी जाती है। लेकिन चारधाम यात्रा जैसे संवेदनशील विषय पर जब वे लापरवाही और उपहास मिश्रित बयान देते हैं, तो यह केवल एक व्यक्ति की असंवेदनशीलता नहीं बल्कि सत्ता की सोच पर भी सवाल बन जाता है। यह भी पढ़ें- कुंभकर्णी नींद से जागी सरकार अब बनाएगी हेली सेवा संचालन की सख्त SOP uttarakhand heli service
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की तीखी प्रतिक्रिया
उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी इस बयान पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो साझा करते हुए लिखा:
“अत्यंत निंदनीय बयान। आदरणीय बीजेपी प्रदेश प्रभारी जी, आपकी अंदर की संवेदनाएं मर चुकी हैं या शायद यह कहना अधिक उचित होगा कि ये संवेदनाएं आपके भीतर कभी थीं ही नहीं। शर्म और हया का संबंध ज्ञान से होता है, लेकिन आप उनसे मीलों दूर प्रतीत होते हैं।” यह भी पढ़ें- केदारनाथ: ex आर्मी पायलट राजवीर चौहान शहीद 4 माह पूर्व बने थे पिता Pilot Rajveer chauhan
नेता की हनक, सत्ता की चुप्पी, सोशल मीडिया फैली आग की तरह dushyant Gautam kedarnath helicopter crash video
दुष्यंत गौतम का यह असंवेदनशील बयान नेताजी की सत्ता की हनक को प्रदर्शित करता है, कुर्सी के मद में चूर नेताजी के इस बयान पर सत्ता की चुप्पी आग में घी डालने का का काम कर रही है, इसबयान के सामने आने के बाद ट्विटर (अब एक्स), फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर भारी नाराजगी देखी गई। एक यूज़र ने तंज कसते हुए लिखा –
; “हादसों में लोग मरते हैं और सत्ता हँसती है – यही है नया उत्तराखंड मॉडल?”
एक अन्य यूज़र ने पोस्ट किया –
“हेलीकॉप्टर में बैठकर दर्शन तो सब चाहते हैं, लेकिन हादसों के बाद जवाबदेही से सब मुंह चुराते हैं। फिर कहिएगा ‘मृत्यु दर तो चलती रहती है’।”
जब उत्तराखंड जैसे संवेदनशील तीर्थक्षेत्र में हेलीकॉप्टर एक के बाद एक दुर्घटनाग्रस्त होते जा रहे हों, और उनमें श्रद्धालुओं की जान जा रही हो, तो सवाल उठना स्वाभाविक है – क्या सरकार इन यात्राओं को केवल आय का जरिया समझती है?
बार-बार हो रही दुर्घटनाओं पर न तो कोई पुख्ता नीति बन पा रही है, और न ही जवाबदेही तय की जा रही है। इस बीच ऐसे बयान पूरी शासन प्रणाली की संवेदनहीनता और असंवेदनशील राजनीति को उजागर कर रहे हैं। दुष्यंत गौतम का यह बयान महज असंवेदनशील नहीं बल्कि राजनीतिक बेशर्मी की एक जीती-जागती मिसाल है। जब नेता संवेदना खो बैठें, तो जनता को सिर्फ दुःख नहीं होता, उसे धोखा महसूस होता है। अब जनता का यह सवाल बनता है –
“क्या श्रद्धालुओं, पर्यटकों और आम लोगों की जान की कीमत केवल वोटों से तय होगी?” यह भी पढ़ें- Kedarnath helicopter crash: केदारनाथ से फाटा लौट रहा हेलीकॉप्टर गौरीकुंड में क्रैश सात लोगों की गई जान