Okhalkanda panchayat election bdc: बडौन क्षेत्र पंचायत सदस्य बचुली देवी का नामांकन खारिज होने पर भड़के ग्रामीण, हल्द्वानी में धरना—भीमताल विधायक पर दबाव बनाने का आरोप
Okhalkanda panchayat election bdc: उत्तराखण्ड में इन दिनों 12 जिलों में पंचायत चुनावों को लेकर गांवों में माहौल गरमाया हुआ है। मूसलाधार बारिश की तरह जहां कई गांवों में लोग दो धड़ों में बंटकर एक दूसरे के खिलाफ आरोपों की बरसात कर रहे हैं। वहीं इस वक्त एक बड़ी खबर राज्य के नैनीताल जिले से सामने आ रही है जहां ओखलकांडा ब्लॉक के बड़ौन क्षेत्र पंचायत सीट पर नामांकन विवाद ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है। बताया गया है कि क्षेत्र से बीडीसी प्रत्याशी बचुली देवी का नामांकन पत्र खारिज किए जाने से नाराज़ ग्रामीणों ने हल्द्वानी में एसएसपी कार्यालय और कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत के कैंप कार्यालय का घेराव करते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
Nainital Okhalkanda panchayat election bdc member bachuli Devi
प्रदर्शनकारियों ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ बताया और विधायक राम सिंह कैड़ा के दबाव में रिटर्निंग ऑफिसर पर पक्षपात के गंभीर आरोप लगाए। धरने का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता और राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरू ने प्रशासन पर सीधा हमला करते हुए कहा कि बचुली देवी ने समय रहते अपने नामांकन से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए थे, जिनकी रसीद भी उन्हें निर्वाचन कार्यालय से मिली थी। बावजूद इसके, अंतिम जांच के दिन 10 जुलाई को उनका नामांकन यह कहकर निरस्त कर दिया गया कि ‘नो ड्यूज’ सर्टिफिकेट संलग्न नहीं है।
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राजनीतिक दखल या प्रक्रिया की चूक? Nainital Okhalkanda panchayat chunav baron bdc member bachuli Devi nomination cancel
ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि नामांकन फॉर्म की जांच के दौरान दस्तावेज ‘गायब’ कैसे हो गए? उनका आरोप है कि यह सब कुछ एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है, ताकि भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा की पत्नी कमलेश कैड़ा निर्विरोध निर्वाचित हो सकें। स्थानीय लोगों का कहना है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने महिला प्रत्याशी से असभ्य भाषा में बात की और उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया।
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प्रशासन की सफाई और विधायक की प्रतिक्रिया
इस विवाद पर एसडीएम धारी केएन गोस्वामी ने कहा कि दस्तावेज अधूरे पाए जाने पर रिटर्निंग ऑफिसर को नामांकन रद्द करने का अधिकार है। वहीं, विधायक राम सिंह कैड़ा ने पूरे घटनाक्रम को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि उन पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद है। निर्वाचन अधिकारी ने निष्पक्ष तरीके से काम किया है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने यह भी बताया कि बचुली देवी को दस्तावेज पूरे करने हेतु रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दो दिन का अतिरिक्त समय भी दिया गया था, लेकिन प्रत्याशी आवश्यक दस्तावेज समय पर नहीं ला सके।
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नामांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल
सूत्रों के अनुसार, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा की पत्नी कमलेश कैड़ा, जो इस सीट से बीडीसी का चुनाव लड़ रही है, के सामने चार प्रत्याशियों ने नामांकन किया था, जिनमें से तीन ने अपना नाम वापस ले लिया। केवल बचुली देवी ही थीं जो मैदान में डटी हुई थीं। लेकिन अब उनके नामांकन के निरस्त हो जाने के बाद कमलेश कैड़ा का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मामला सामने आने के बाद अब हरीश पनेरू ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक रिटर्निंग ऑफिसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होती, ग्रामीणों का आंदोलन जारी रहेगा। ग्रामीण इस पूरे मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

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