missing Manoj Bisht died ghanghariya Chamoli news live: बीते 29 जून की रात घांघरिया से लापता हुआ था मनोज, रविवार को जंगल में मिला शव….
missing Manoj Bisht died ghanghariya Chamoli news live: उत्तराखण्ड के चमोली जिले से एक बेहद दुखद खबर सामने आ रही है जहां घांघरिया से लापता युवक का शव 14 दिन बाद जंगल से बरामद हुआ है। शव की पहचान 21 वर्षीय मनोज बिष्ट पुत्र सुरेंद्र सिंह बिष्ट के रूप में हुई है। बताया गया है कि वह हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर घोड़ा संचालन का काम करता था। उसकी मौत की खबर से जहां उसके परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं समूचे क्षेत्र में भी हड़कंप मच गया है।
यह भी पढ़ें- Uttarakhand: नानकमत्ता में तैनात पुलिस कांस्टेबल की गई जिंदगी, लक्सर में हुई अंत्येष्टि
मूल रूप से नंदानगर क्षेत्र के बांजबगड़ का रहने वाला था मनोज Manoj Bisht nandanagar chamoli
अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र के बांजबगड़ निवासी मनोज बिष्ट पुत्र सुरेंद्र सिंह बिष्ट हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग के प्रमुख पड़ाव घांघरिया में पुलना निवासी देवेंद्र सिंह चौहान के यहां घोड़ों को संचालित करने का काम करता था। बताया गया है कि उसकी जिम्मेदारी श्रद्धालुओं को घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक घोड़ों पर लाने और वापस ले जाने की थी।
यह भी पढ़ें- नैनीताल: रामनगर में सिंचाई नहर से बरामद हुआ रिटायर्ड दरोगा शव Ramnagar news today
सोशल मीडिया पर मालिक देवेन्द्र सिंह चौहान पर जताया जा रहा शक, पुलिस ने कहीं ये बात….
इस संबंध में सोशल मीडिया पर जहां बीते 29 जून को मनोज की अपने मालिक देवेन्द्र सिंह चौहान के साथ कहासुनी की बात कही जा रही है और उसी रात से उसके लापता होने में मालिक देवेन्द्र सिंह चौहान को कठघरे में खड़ा करते हुए उस पर आरोप लगाए जा रहे हैं वहीं पुलिस के मुताबिक बीते 29 जून की रात मनोज अपने साथी घोड़ा चालक प्रकाश सिंह रावत के साथ अपने कार्यस्थल घांघरिया में ही सोया था लेकिन अगली सुबह करीब साढ़े तीन बजे जब घोड़ा मालिक देवेंद्र चौहान घोड़े को चारा देने के लिए आया तो मनोज बिस्तर पर नहीं था। पुलिस कि छानबीन में यह भी पता चला है कि उसका मोबाइल बीते पांच जून तक चालू था और जिसके बाद मोबाइल अचानक से बंद हो गया।
यह भी पढ़ें- ऋषिकेश की नीतिका गैरोला थपलियाल हुई लापता कहीं दिखे तो जरूर सूचित करें….
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काफी खोजबीन के बाद भी जब उसका कोई पता नहीं चला हैरान परेशान परिजनों ने बीते सात जुलाई को गोविंदघाट थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। जिस पर परिजनों के साथ ही पुलिस विभाग की टीम भी उसकी खोजबीन में जुट गई। इस संबंध में गोविंदघाट थानाध्यक्ष विनोद रावत ने मीडिया से बातचीत में बताया कि गुमशुदगी दर्ज होने के बाद से पुलिस और एसडीआरएफ की टीम लगातार जंगल और नदी नालों के किनारे उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पाया।
यह भी पढ़ें- टिहरी गढ़वाल: स्कूल से लौट रहे दो मासूमों पर गिरा पेड़ चली गई जिंदगी tehri garhwal news
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चलेगी वास्तविक सच्चाई, मौत के कारण आएंगे सामने Manoj Bisht chamoli News live
बताते चलें कि बीते रविवार शाम चार बजे के करीब पुलिस को घांघरिया के जंगल में पेड़ से लटके हुए एक युवक का शव बरामद होने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शव की शिनाख्त के लिए मनोज के परिजनों को सूचित किया। पुलिस से इस बात की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे परिजनों ने उसकी शिनाख्त मनोज बिष्ट के रूप में की। जिसके बाद पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
इस मामले में पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मनोज की मौत के वास्तविक कारणों का पता चल पाएगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस दुखद घटना से मनोज की मां नौमी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है वहीं उसके सेना से रिटायर्ड पिता सुरेन्द्र सिंह की बेबस आंखों से भी अश्रुओं की अविरल धारा बह रह रही है, जिसे देखकर सांत्वना देने आए ग्रामीणों भी अपनी आंखों को नम होने से नहीं रोक पा रहे हैं।