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पिथौरागढ़: मां बनाती है स्कूल में मिड डे मील बेटा धर्मेंद्र भट्ट बना उत्तराखण्ड पुलिस में सब इंस्पेक्टर
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dharmendra bhatt dhurv thal muwani Pithoragarh became sub inspector SI police ukpsc exam 2025 success story uttarakhand latest news: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मां ने स्कूल में मिड डे मील बनाकर पढ़ाया लिखाया, बेटे ने पुलिस की वर्दी पहनकर उनका मान बढ़ाया: पिथौरागढ़ के धर्मेंद्र भट्ट बने सब इंस्पेक्टर
dharmendra bhatt dhurv thal muwani Pithoragarh became sub inspector SI police ukpsc exam 2025 success story uttarakhand latest news: उत्तराखण्ड के सीमांत पिथौरागढ़ जिले से एक प्रेरणादायक खबर सामने आ रही है जहां कभी सरकारी स्कूल में बच्चों के लिए मिड डे मील तैयार करने वाली मां आज बेटे की पुलिस वर्दी देखकर फूली नहीं समा रहीं। पिथौरागढ़ जिले के मुवानी कस्बे के रहने वाले धर्मेंद्र भट्ट (ध्रुव) ने अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय से वह कर दिखाया जो कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गया। हाल ही में उनका चयन उत्तराखंड पुलिस सेवा (UKSI) में सब इंस्पेक्टर के पद पर हुआ है।
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संघर्षों से गुज़रकर हासिल की सफलता
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के थल तहसील क्षेत्र के मुवानी निवासी धर्मेंद्र भट्ट ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC ) द्वारा आयोजित पुलिस SI परीक्षा में सफलता हासिल कर सब इंस्पेक्टर बनने का मुकाम हासिल किया है। आपको बता दें कि धर्मेंद्र की सफलता की यह कहानी सिर्फ एक परीक्षा पास करने की नहीं, बल्कि संघर्षों को हराकर जीत हासिल करने की दास्तान है।
सीमित साधनों वाले परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। परिवार की मदद के लिए उन्होंने पांच साल तक निजी कंपनियों, होटलों और दुकानों में काम किया, लेकिन साथ ही अपनी पढ़ाई और तैयारी जारी रखी। कई बार असफलता का सामना किया, मगर हिम्मत नहीं हारी। आज उनकी लगन और आत्मविश्वास ने उन्हें उस मुकाम पर पहुंचा दिया है, जहां पूरा गांव गर्व से सिर उठा रहा है।
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मां के हाथों का भोजन, बेटे की मेहनत का प्रतिफल
धर्मेंद्र की मां पिछले 22 वर्षों से प्राथमिक विद्यालय मुवानी में भोजनमाता के रूप में कार्यरत हैं। मुश्किल हालातों में भी उन्होंने कभी अपने बेटे की शिक्षा और संस्कारों से समझौता नहीं किया। उन्होंने बेटे को ईमानदारी, मेहनत और समाज सेवा की राह पर चलना सिखाया। बेटे के सब इंस्पेक्टर बनने की खबर सुनते ही उनकी आंखें खुशी से छलक पड़ीं — यह सिर्फ आनंद नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत और संघर्ष की जीत थी।
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गुरु के आशीर्वाद से मिला सही मार्ग
धर्मेंद्र अपनी सफलता का श्रेय न केवल मां को, बल्कि अपने गुरु प्रताप सिंह पुंडीर को भी देते हैं। प्रताप पुंडीर फिलहाल उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, ऋषिकेश शाखा में कार्यरत हैं। धर्मेंद्र बताते हैं — “अगर गुरु का स्नेह और मार्गदर्शन न मिला होता, तो शायद मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता।”
गरीब बच्चों के लिए शुरू की ‘ध्रुव कोचिंग क्लासेस’
धर्मेंद्र ने अपनी सफलता को दूसरों के जीवन में भी रोशनी की तरह फैलाने का फैसला किया। उन्होंने मुवानी में ही ‘ध्रुव कोचिंग क्लासेस’ की स्थापना की, जहां अब तक 25 से ज्यादा गरीब परिवारों के बच्चे SSC GD और भारतीय सेना जैसी सेवाओं में चयनित हो चुके हैं। उनका कहना है, “इन बच्चों की उपलब्धियां ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं।”
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डीएलएड छोड़ पुलिस सेवा को बनाया जीवन का उद्देश्य
धर्मेंद्र अप्रैल 2025 से डायट डीडीहाट से डीएलएड कोर्स कर रहे थे। लेकिन पुलिस सेवा में चयन के बाद उन्होंने शिक्षक बनने का रास्ता छोड़कर समाज की सुरक्षा और सेवा का संकल्प लिया। उनका कहना है, “पुलिस की वर्दी केवल नौकरी नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और सेवा का प्रतीक है। मैं इसे पूरी निष्ठा से निभाऊंगा।”
“मां, गुरु और विद्यार्थियों का आशीर्वाद ही मेरी असली पूंजी”
धर्मेंद्र भावुक होकर कहते हैं, “मेरी इस सफलता के पीछे मां का त्याग, गुरु प्रताप पुंडीर का मार्गदर्शन और उन विद्यार्थियों का विश्वास है, जो मुझसे सीखने आए। आने वाले समय में मैं ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से समाज की सेवा करूंगा।”
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