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Tehri news: बदहाल सिस्टम की भेंट चढ़ी प्रसूता घनसाली की रवीना कठैत ने प्रसव के बाद तोड़ा दम
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Raveena Kathiat pregnant woman died after delivery in PHC Pilkhi ghansali tehri garhwal uttarakhand latest news today: घनसाली के पिलखी अस्पताल में प्रसूता की मौत से उठे सवाल, ग्रामीण बोले— रात में डॉक्टर ही नहीं था ड्यूटी पर
Raveena Kathiat pregnant woman died after delivery in PHC Pilkhi ghansali tehri garhwal uttarakhand latest news today: उत्तराखंड राज्य अपनी स्थापना के 25 साल पूरे करने जा रहा है, सरकार रजत जयंती मनाने की तैयारियों में पूरे हर्षोल्लास से जुटी हुई है। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री तक को न्यौता दिया जा रहा है यहां तक कि इस अवसर पर विधानसभा का विशेष सत्र भी आयोजित किया जा रहा है लेकिन विकास का आलम यह है कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में अब भी स्वास्थ्य सेवाओं की हालत जस की तस बनी हुई है। गांवों के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, संसाधनों की दिक्कतें और लापरवाही जैसी समस्याएं आम बात हो चुकी हैं।
आज भी पहाड़ के लोग स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं। एक ओर जहां अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया में स्थानीय लोग अस्पताल में चिकित्सकों की तैनाती को लेकर बीते 22 दिनों से आंदोलनरत हैं वहीं दूसरी ओर आज एक और प्रसूता सिस्टम की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की भेंट चढ़ गई है। यह बेहद हृदयविदारक एवं दिल को झकझोर देने वाली खबर आज राज्य के टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी की है।
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सुबह दिया स्वस्थ बच्चे को जन्म शाम को बिगड़ गई प्रसूता की तबीयत Raveena Kathiat ghansali Tehri Garhwal pregnant women news
अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार, मूल रूप से टिहरी गढ़वाल जिले के घनसाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत सेम बासर निवासी 22 वर्षीय रवीना कठैत पत्नी कुलदीप कठैत इन दिनों गर्भवती थी। बताया गया है कि बीते गुरुवार सुबह करीब 6 बजे प्रसव पीड़ा हुई। जिस पर परिजनों ने उसे तत्काल पीएचसी पिलखी पहुंचाया, जहां सुबह 8 बजे के आसपास उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। दिनभर सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन देर शाम उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
डॉक्टरों के मुताबिक, रवीना को सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। हालत गंभीर देखते हुए उसे श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन शुक्रवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है।
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परिजनों का आरोप रात में पिलखी अस्पताल में था केवल वार्ड बॉय
इस मामले में रवीना के पति कुलदीप, जो एक होटल में काम करते हैं, ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “रात के समय जब मेरी पत्नी को सांस लेने में परेशानी हो रही थी, तब अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। केवल वार्ड बॉय था। अगर डॉक्टर समय पर पहुंच जाते तो शायद मेरी पत्नी की जान बच सकती थी।” उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस तरह एक प्रसूता महिला की मौत ने फिर से सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
गौरतलब है कि यह कोई पहली घटना नहीं है बीते 6 सितंबर को इसी अस्पताल में एक अन्य महिला अनीशा रावत ने बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन 15 सितंबर को उसकी भी मौत हो गई थी। लगातार दो प्रसूताओं की मौत से ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि अस्पताल में रात के समय डॉक्टरों की ड्यूटी सुनिश्चित न होना और सुविधाओं की कमी इन घटनाओं की बड़ी वजह है।
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सीएमओ बोले परिजनों ने अस्पताल से छिपाई बाईपास सर्जरी की बात
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) टिहरी डॉ. श्याम विजय ने बताया कि “महिला की केस हिस्ट्री से पता चला है कि उसे पहले से हृदय संबंधी बीमारी थी और उसकी बाईपास सर्जरी भी हो चुकी थी, लेकिन परिजनों ने अस्पताल को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। प्रसव सामान्य था, पर 24 घंटे बाद सांस लेने में परेशानी होने पर उसे ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर अस्पताल में रात के समय डॉक्टर और आवश्यक सुविधाएं मौजूद होतीं, तो शायद यह दुखद हादसा टल सकता था। ग्रामीण अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही का खामियाजा किसी और को ना भुगतना पड़े।
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