
देहरादून: केंद्र सरकार दवारा बहुत सी योजनाए लागू की जाती है लेकिन उन्हें राज्य सरकार तक आने और लागू करने में कुछ समय लग जाता है। बता दे की भारत सरकार दवारा 1 फ़रवरी 2018 को आयुष्मान योजना की घोषणा की गयी थी जिसकी लांच डेट अगले माह की है।
केंद्र सरकार हर साल गरीब और जरूरतमंद लोगो के लिए कोई न कोई स्कीम लेकर आती है जिस से हर गरीब से गरीब परिवार उस योजना से लाभान्वित हो सके, स्वस्थ्य संबंधी यह योजना उन सभी गरीब लोगो के लिए फायदेमंद होगी जो टीबी ,कुपोषण, पोलियो जैसी बिमारिओं के चपेट में आ जाते है और सरकार की योजनाओ से अछूते रहकर अपना इलाज नहीं करा पाते है।
बता ते चले की उत्तराखंड में आयुष्मान योजना जल्द ही लागू होगी। इसमें राज्य के सभी लोगों को पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य कवर दिया जाएगा। इससे 27 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। योजना की खाश बात यह है की , इस योजना को इन्श्योरेंस मोड की बजाय ट्रस्ट मोड पर लागू किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने योजना को लेकर बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है। स्वस्थ उत्तराखंड से ही समृद्ध उत्तराखंड संभव है। उन्होंने अधिकारियों को राज्य में आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन का फुलप्रूफ प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।
जैसे की यह योजना सिर्फ ट्रस्ट मोड पर लागू होगी तो क्लेम प्रोसेसिंग के लिए थर्ड पार्टी एडमिनिसट्रेटर का प्रयोग किया जाएगा। राज्य में पूर्व से ही संचालित यू-हेल्थ व मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को आयुष्मान उत्तराखंड योजना में समाहित कर लिया जाएगा। इस योजना में राज्य के सभी लोगों को स्वास्थ्य कवर मिलेगा। आयुष्मान भारत से लिंक होने के कारण लाभार्थियों को केवल उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि देश के किसी भी स्थान पर सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज का लाभ मिल सकेगा।
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कैशलेश होगी यह योजना
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में इस योजना के बारे में जानकारी दी थी ,कि यह योजना ट्रस्ट मॉडल या इंश्योरेंस मॉडल पर काम करेगी और पूरी तरह कैशलेस होगी। उन्होंने उन आशंकाओं को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि पहले गरीब को इलाज के लिए भुगतान करना होगा फिर उसके बाद वह इलाज पर खर्च हुई राशि प्राप्त करने के लिए क्लेम कर सकेगा।
रीईंबर्स प्रक्रिया में गड़बड़ी होने की संभावनाओं को देखते हुए यह योजना पूरी तरह कैशलेस होगी। इसका मतलब यह है कि जो भी आयुष्मान योजना के तहत बीमित व्यक्ति है उसे अपने इलाज का खर्च नहीं देना होगा। पांच लाख रुपए तक का खर्च उसे सरकार की तरफ से आसानी से मिल जायेगा।
अस्पताल जाकर क्या करना होगा? मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के बाद अपने बीमा दस्तावेज देने होंगे जिसके आधार पर अस्पताल इलाज के खर्च के बारे में बीमा कंपनी को सूचित कर देगा और बीमित व्यक्ति के दस्तावेजों की पुष्टि होते ही इलाज बिना पैसे दिये हो सकेगा। (नोटः चिकित्सा बीमा की सुविधा इसी प्रक्रिया से निजी अस्पतालों में मिलती है।)
इलाज कहां कराना होगा?
इस योजना के तहत बीमित व्यक्ति सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी इलाज करा सकेगा। निजी अस्पतालों को इस योजना के साथ जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस वृहद योजना से निजी अस्पतालों को भी लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि पैसे की कमी के चलते काफी लोग सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही जाते थे, जोकि अब निजी अस्पतालों में भी जा सकेंगे। साथ ही यह योजना सरकारी अस्पतालों पर बढ़ती भीड़ का दबाव भी शायद कम कर पायेगी।
आयुष्मान भारत योजना के लिए पात्रता मापदंड:-आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के लिए पात्रता मानदंड पूरी तरह से SECC आंकड़ों पर आधारित है, जो पूरे देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को कवर करता है।