Connect with us

उत्तराखण्ड

रूद्रप्रयाग

बोन मेरो की बीमारी से पीड़ित आदित्य नेगी का इलाज का जिम्मा उठाया हंस फाउंडेशन ने



सोशल मिडिया पर बोन मेरो की बीमारी से पीड़ित रूद्रप्रयाग जिले के दूरस्थ गांव सौरा खाल भरदार के आदित्य  नेगी के लिए मदद की गुहार लगाई जा रही है। पांच बहनों में सबसे छोटा आदित्य पढ़ाई-लिखाई से लेकर गांव के हर काम-काज में आगे रहता है। लेकिन अचानक उसे अप्लास्टिक एनीमिया जैसे घातक बीमारी ने अपनी आगोश में ले लिया। घर में उस समय मुसीबत का पहाड़ टूट गया जब उन्हें पता चला की उनके 16 वर्ष के पुत्र आदित्य नेगी गंभीर बीमारी बोन मेरो से पीड़ित है। घर में सबका लाडला और पांच बहनों का इकलौत भाई आदित्य की बीमारी के बारे में जानकर हर कोई परेशान है। हंस फाउंडेशन के संस्थापक माता मंगला जी और भोले महाराज जी अजयपाल नेगी की मदद के लिए फरिश्ता बनकर आये है। हंस फाउंडेशन ने आदित्य के इलाज का जिम्मा लिया है। आदित्य का इलाज अभी चंडीगढ़ के पीजीआई में चल रहा है। इस अस्पताल में आदित्य का आपरेशन होना है।




उत्तराखंड के प्रबुद्धजनों और पत्रकारों ने सोशल मीडिया के जरिए आदित्य के आपरेशन के लिए लोगों से मदद की अपील की, तो आदित्य के लिए सहयोग के लिए हाथ आगे बढ़ने लगे। लेकिन अभी भी 15 लाख रूपये की राशि तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो रहा था। ऐसे में समाजसेवी माता मंगला जी एवं भोलेजी महाराज तक उत्तराखंड के प्रबुद्धजनों ने आदित्य को बचाने की अपील पहुंचायी तो करूणामयी माता मंगला जी ने शीघ्र ही आदित्य को नया जीवन देने के लिए और माताश्री मंगला जी ने आदित्य के आपरेशन पर आने वाले खर्चा देने का घोषणा की,  इस दयालुता के लिए आदित्य के माता-पिता और बहनों ने माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज को आदित्य को आशीर्वाद देने और नया जीवन देने के लिए कोटी-कोटी आभार व्यक्त किया। आदित्य के पिता अजयपाल नेगी खच्चर व्यवसायी हैं, लेकिन पिछले दो वर्षों से अजय ने अपने बेटे के इलाज के लिए सभी खच्चर भी बेच दिये हैं, इसके चलते उनके परिवार की हालत काफी जर्जर हो चुकी है।




आदित्य माता-पिता और बहनें देहरादून-दिल्ली और चंडीगढ़ के बड़े-बड़े अस्पतालों में डाक्टरों के आगे हाथ जोड़े खड़े हैं कि किसी तरह उनके बच्चे को नया जीवन दे दिजिए, लेकिन डाक्टरों को कहना हैं कि आदित्य का आपरेशन जल्द से जल्द करना होगा। बच्चा इस बीमारी के चलते बहुत कमजोर हो चुका है। बच्चे को ज्यादा खून भी नहीं चढ़ाया जा सकता है। डाक्टरों ने कहा आपरेशन ही एक मात्रा रास्ता है।



More in उत्तराखण्ड

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top