
किसी ने सच ही कहा है कि ‘शिक्षक उस मोमबत्ती की तरह होता है जो खुद जलकर भी दूसरों के जीवन को रोशनी से भर देती है’ और अगर यही शिक्षक अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वाह सही ढंग से करें तो बच्चो के साथ ही अभिभावकों के दिल में भी अपने लिए एक ऐसी जगह बना लेता है जिसका वह वाकई हकदार था। इसी कारण सभी के द्वारा उसका यथोचित सम्मान भी किया जाता है। आज हम आपको एक ऐसे ही शिक्षक से रूबरू करा रहे हैं जिनकी शनिवार को हुई भावभीनी विदाई आपकी आंखों को भी नम कर देंगी, साथ ही उनकी प्रेरणादायक कहानी खूद-ब-खूद आपको उनकी प्रशंशा करने को मजबूर कर देगी और अन्य शिक्षकों को भी उस राह पर चलने को प्रेरित करेंगी। जी हां… हम बात कर रहे हैं राज्य के ऋषिकेश शहर के सबसे पुराने विद्यालय श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात और बच्चों के सबसे अधिक लोकप्रिय शिक्षक दिवाकर भानुप्रताप सिंह रावत जी की, जो विद्यालय में लगातार 38 सालों से अपनी सेवाएं देकर शनिवार को सेवानिवृत्त हो गए। इस अवसर पर सैकड़ों छात्र-छात्राओं की आंखों में आसूं इस बात का प्रमाण थे कि वह छात्रों के कितने लोकप्रिय शिक्षक थे।
बता दें कि पूर्व में जीव विज्ञान के प्रवक्ता रहे शिक्षक दिवाकर भानुप्रताप सिंह रावत शनिवार को सेवानिवृत्त हो गए। इन दिनों वह ऋषिकेश के सबसे पुराने विद्यालय भरत मंदिर इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत थे। बताते चलें कि इस विद्यालय में वह पिछले 38 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे थे और उनके द्वारा किए गए अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों के सफल निर्वहन के कारण वह बच्चों के सबसे पसंदीदा शिक्षक बन गए थे। श्री रावत छात्रों को अपने बेटों की तरह मानते थे और छात्रों के प्रति उनका रवैया भी हमेशा दोस्ताना ही रहता था। कर्त्तव्यपरायणता की मूर्ति शिक्षक रावत एक दयालु व्यक्ति भी थे वह आए-दिन गरीब विद्यार्थियों की मदद भी किया करते थे जिसके कारण सरकार द्वारा भी उन्हें ‘सर्वोच्च शिक्षा सम्मान’ से नवाजा जा चुका है। शनिवार को छात्रों के द्वारा अपनी ऐसी विदाई देखकर प्रधानाचार्य रावत खुद भी बड़े भावुक हो गए और अपनी आंखों से आंसू रोक नहीं पाए। बता दें कि हाल ही में उत्तरकाशी जिले में कार्यरत एक शिक्षक आशीष डंगवाल को भी ऐसी विदाई मिल चुकी है। आशा करते हैं कि इन दोनों की यह भावभीनी विदाई अन्य शिक्षकों को भी कर्तव्यपरायणता का पाठ पढ़ाएगी और उन्हें भी अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों के सफल निर्वहन के लिए प्रेरित करेंगी।
