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Alt= AIIMS intrance exam Uttrakhand topper abhinav

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देहरादून

एम्स प्रवेश परीक्षा 2019: उत्तराखंड टॉपर अभिनव कैंसर विशेषज्ञ बनकर करना चाहते हैं समाजसेवा

Alt= "AIIMS intrance exam Uttrakhand topper abhinav"

मेडिकल क्षेत्र की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा परिणाम जारी कर दिए गए हैं। इस प्रवेश परीक्षा के परिणामों में राज्य के होनहार युवाओं ने भी शानदार प्रदर्शन किया है। जहां देहरादून के अभिनव ने 346वीं रैंक प्राप्त कर उत्तराखंड में टाप किया है वहीं हरिद्वार के अमन जुयाल 583वीं रैंक के साथ दूसरे स्थान पर रहे हैं। बता दें कि मेडिकल की प्रवेश परीक्षा नीट में कामयाबी हासिल करने वाले कई युवाओं ने एम्स में भी बाजी मारी है। प्रवेश परीक्षा को क्वालीफाई करने वाले अन्य युवाओं में दून निवासी गर्वित प्रसाद और खटीमा निवासी विकास कुमार साहनी शामिल हैं जिन्होंने क्रमशः 882वीं रैंक तथा 1172वीं रैंक हासिल की है। विकास की अन्य पिछड़ा वर्ग में 254वीं रैंक है। बता दें कि इस बार छः नये एम्स कालेजों में भी दाखिले होंगे जिनमें एम्स कल्याणी, पश्चिमी बंगाल, एम्स रायबरेली, एम्स बठिंडा, एम्स तेलंगाना, एम्स गोरखपुर, एम्स नागपुर शामिल हैं जिस कारण इस बार 1207 सीटों पर दाखिले किए जाएंगे। बता दें कि पिछले साल तक 907 सीटों पर प्रवेश दिया जाता था।




कैंसर विशेषज्ञ बनना चाहते हैं एम्स के उत्तराखंड टॉपर अभिनव
एम्स की प्रवेश परीक्षा के उत्तराखंड टापर अभिनव का सपना कैंसर रोगियों विशेषज्ञ बनने का है। बता दें कि देहरादून के एकता विहार निवासी अभिनव कुमार ने आल इण्डिया में 346 वीं रैंक प्राप्त की है। अभिनव के पिता डॉ. भोला झा जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज पौड़ी में एसोसिएट प्रोफेसर‌‌ के पद पर तैनात हैं जबकि उनकी माता मधु एक कुशल गृहणी है। इसी साल दून इंटरनेशनल स्कूल से 12 वीं की परीक्षा 97 प्रतिशत अंकों के साथ उप्तीर्ण करने वाले अभिनव का कहना है कि कैंसर एक लाइलाज और ह्रदय विदारक बिमारी है। पीड़ित व्यक्ति की असहनीय स्थिति एवं महंगे खर्चे को देखकर हमेशा व्यथित रहने वाले अभिनव पांच साल बाद कैंसर रोग विशेषज्ञ बनकर लोगों को सस्ता एवं सुलभ इलाज उपलब्ध कराना चाहते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने इंटर के साथ ही एम्स की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी और यही उनकी सफलता का एकमात्र कारण है। आगामी वर्षों में मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों से वह कहते हैं कि वह एनसीईआरटी की किताबों पर पूरा ध्यान दें।




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