गर्मी का प्रकोप बढ़ने के कारण जहाँ उत्तराखण्ड के मैदानी इलाको में गर्म लू से भरी हवाएं थपेड़े मार रही है वही पर्वतीय क्षेत्रो में जंगलो में आग लगने से जंगली जानवरो और वनस्पतियों को भारी नुकसान हुआ है। देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड भी गर्मी की मार से त्रस्त है। पहाड़ और मैदान दोनों ही इन दिनों खूब तप रहे हैं। इस बात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि पहाड़ों में अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा तो मैदानी क्षेत्रों में चार से पांच डिग्री तक। उत्तराखण्ड के मैदानी इलाको में अधिकतम तापमान 47 डिग्री तक पहुंच गया है, जिससे आम जन मानस त्राहि त्राहि कर रहा है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अगले 12 घंटों के दौरान ओले गिरने और तेज रफ्तार आंधी चलने का अनुमान है। मौसम विभाग ने मौसम खराब होने की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया है।
पहाड़ों में ओलावृष्टि की संभावना: पर्वतीय क्षेत्रों के कुछ इलाकों में गरज और चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है, साथ ही ओले गिर सकते हैं। चमोली, उत्तरकाशी,टिहरी, रुद्रप्रयाग,बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत व अल्मोड़ा में ओले गिरने के ज्यादा आसार हैं। इसके साथ ही मैदानी इलाकों में 60 से 70 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज आंधी चलने का अनुमान है। अगर बात करे मंगलवार की तो मैदानी इलाको में मंगलवार को सुबह से ही चटक धूप खिलने से उमस अधिक रही। दिन चढ़ने के साथ ही उमस और तपिश से लोग बेहाल रहे। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में अगले 24 घंटों में ओलावृष्टि हो सकती है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार दक्षिण भारत में आने वाले तूफान और पश्चिमी विक्षोभ के कारण 17 और 18 जून को पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश की संभावना है। पिछले कुछ दिनों से यहां पहाड़ो के जंगल आग की चपेट में आने से धू-धू कर जल रहे थे, आग लगने से यहां के तापमान में काफी बढ़ोतरी भी हो गई थी और पहाड़ो में भी लोग गर्मी से बेहाल हो रहे थे।