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थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने दून में आरआईएमसी कैडेट्स को सम्मानित कर बढ़ाया उनका हौसला

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राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालिज या आर.आई.एम.सी. दून घाटी में लड़्कों के लिये एक उत्तम संस्थान है। यह संस्थान सन 1947 तक प्रिंस ऑफ वेल्स रॉयल इण्डियम मिलिट्री कालिज था। वर्तमान में यह संस्थान अपने में एक महान परंपरा की धरोहर लिए हुए है,जो अब राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एन.डी.ए.) और अन्ततः भारतीय सेना का फीडर संस्थान है। सबसे खाश बात तो ये है की यहां के उत्तीर्ण छात्र, रिम्कॉलियन्स कहलाते हैं, और वे इतिहास में अधिकतर सभी, भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के सर्वोच्च श्रेणीधारक रहे हैं। राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआइएमसी) के 21 कैडेट्स के पासआउट होने पर ,मुख्य अतिथि थल सेना प्रमुख जनरल  बिपिन रावत ने इन्हें दीक्षित किया।




बता दे की बृहस्पतिवार को आरआईएमसी  देहरादून में आयोजित ग्रेजुएशन सेरेमनी का शुभारंभ सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने किया। इससे पहले आरआईएमसी कैडेट्स ने जनरल रावत को गार्ड ऑफ आनर दिया। राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआइएमसी) के 21 कैडेट्स पासआउट हुए है । मुख्य अतिथि थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने इन्हें प्रेरित करते हुए दीक्षित किया। इसके बाद राजस्थान निवासी कैडेट कैप्टन हर्षवर्धन राठौर को स्वॉर्ड ऑफ आनर दिया गया। कैडेट हर्षवर्धन के पिता श्रवण सिंह राठौर शिक्षक हैं, और उनकी मां सरकारी सेवा में कार्यरत हैं। इनके अलावा अन्य कैडेट्स को भी सम्मानित किया गया। जनरल बिपिन रावत ने विभिन्न हॉबी क्लब की ओर से आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। साथ ही विभिन्न प्रतिस्पर्धा में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को सम्मानित किया। इस मौके पर कैडेट्स ने रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।





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कैडेट्स को संबोधित कर प्रोत्साहन दिया : कैडेट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मानसिक और शारीरिक मजबूती के साथ ही जीवन के मूल्यों को भी आत्मसात करना बहुत जरूरी है। सेना प्रमुख ने कहा कि सेना के अनुशासन की यह प्राथमिक पाठशाला है। यहां से निकलने वाले कैडेट्स सेना में अनुशासन के आयाम स्थापित करते हैं। सेना प्रमुख ने कहा की आपको जीवन पर हर कदम पर चुनोतियो का सामना करना पड़ेगा इनसे कभी घबराये नहीं वरन इनका डटकर मुकाबला करे तभी आप अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते है ने कहा कि जीवन में संस्थान ने कई उत्कृष्ट कैडेट दिए हैं, जिसमें शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। सेना प्रमुख ने कैडेट्स को कहा अपनी मंजिल को हासिल करने से पहले उसकी सुनियोजित बुनियाद अपने मस्तिष्क में बनाये और फिर उस बुनियाद पर खड़े होकर अपने लक्ष्य की और बड़े , यदि आपके मंजिल की बुनियाद ही कमजोर होगी तो दो कदम चलकर आपके कदम डगमगा जायँगे इसलिए हमेशा अपने मंजिल की बुनियाद को मजबूत करे।



निम्न लोगो को मिला अवार्ड

स्वॉर्ड ऑफ आनर : कैडेट कैप्टन हर्षवर्धन राठौर

द वैवेल स्वॉर्ड : कैडेट सेक्शन कमांडर तन्मय मलिक

मेजर जनरल मनोहरन ट्रॉफी फॉर बेस्ट इन कंप्यूटर : कैडेट एनसीओ दिव्यांशु सेमवाल

ले. जन. एसएस ढिल्लन ट्रॉफी : कैडेट सेक्शन कमांडर लरिंडिका

जीओसी सब एरिया ट्रॉफी फॉर बेस्ट लीडरशिप : कैडेट सेक्शन कमांडर प्रणव मित्तल

कर्नल डीएच परब ट्रॉफी : कैडेट एनसीओ कपिल किशन पांडेय




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