Chamoli disaster: आपदा में मृत लोगों के परिजनों को छ: लाख की आर्थिक सहायता (Compensation) देगी केंद्र एवं राज्य सरकार, घायलों को मिलेंगे पचास-पचास हजार
चमोली जिले के रैंणी गांव, जहां रविवार दोपहर को हुई तबाही के मंजर को आज सारा देश देख रहा है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और वायुसेना के जवान इस आपदाग्रस्त क्षेत्र के आसपास राहत एवं बचाव कार्य में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार हालात पर पल-पल की खबर रख रही हैं। अभी तक आ रही खबरों के मुताबिक इस आपदा (Chamoli disaster) में 150 लोगों के हताहत होने की खबर है जिनमें से दस लोगों के शवों को रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे जांबाजों ने बरामद कर लिया है। आपात स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार ने भी इस भयंकर आपदा का शिकार हुए लोगों के परिजनों के लिए का आर्थिक सहायता का ऐलान कर दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत में बताया कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करेंगी। वही केंद्र ने आपदा में काल का गाल बने लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए का मुआवजा (Compensation) देने की घोषणा की है।
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गौरतलब है कि रविवार दोपहर को राज्य के चमोली जिले के रैंणी गांव में नंदा ग्लेशियर के एकाएक टूट जाने से ऋषिगंगा और धौलीगंगा में पानी का जलस्तर बढ़ जाने से तबाही का मंजर देखने को मिला। इस तबाही में आसपास के 17 गांवों, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट प्रभावित हुए। कई किलोमीटर की सड़क बह गई। कई गांव सड़क मार्ग से अलग-थलग हो गए। आपात स्थिति को देखते हुए जहां राज्य सरकार ने इस आपदा में मृतक लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की वही केंद्र सरकार की ओर से भी मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख एवं गम्भीर रूप से घायलों को पचास-पचास हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रधानमंत्री राहत कोष से देने की घोषणा की है। उधर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आपदा प्रभावितो के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा करते हुए मीडिया से बातचीत में कहा कि बाढ़ से दोनों प्रोजेक्टों का रिकॉर्ड भी बह गया है, जिस कारण यह पता लगाना मुश्किल हो रहा है कि इस आपदा में लापता हुए लोग कहां-कहां के रहने वाले थे।
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