सामने आएगी पलायन की सही तस्वीर, 7950 ग्राम पंचायतों में सर्वे पूरा
डॉ. नेगी ने बताया कि शोध कार्य के लिए आयोग में एक से डेढ़ साल के लिए दो रिसर्च स्कॉलर लिए जाने हैं। यह शोध कार्य बेहद अहम है, इसीलिए इसमें नीति आयोग और नेशनल रूरल डेवलपमेंट की गाइडलाइन के हिसाब से इन स्कॉलर्स को लिया जाना है। चयनित स्कॉलर्स शोध के साथ ही आंकड़ों के विश्लेषण में मदद करेंगे।
उन्होंने रिसर्च स्कॉलर्स के लिए जारी किए गए आवेदन से संबंधित विज्ञापन को लेकर विवाद को भी बेवजह का करार दिया। उन्होंने कहा कि इसमें उत्तराखंड से आइआइटी रुड़की, आइआइएम काशीपुर, केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर जैसे संस्थानों के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो योग्य होगा, उसे रिसर्च स्कॉलरशिप दी जाएगी।