जौलीग्रांट एयरपोर्ट और पिथौरागढ़ नैनीसैणी हवाई अड्डे के बीच हवाई सफर पर संकट के बादल मंडरा रहे है। इस हवाई सफर को लेकर पूरे कुमाऊं मंडल और गढ़वाल मंडल के लोगो में काफी उत्साह था, लेकिन शायद उन्हें कुछ और दिन इंतजार करना पड़ सकता है। बता दे की जौलीग्रांट एयरपोर्ट और पिथौरागढ़ नैनीसैणी हवाई अड्डे के बीच बुधवार से नौ सीटर विमान सेवा शुरू होनी थी। इस उड़ान सेवा का उद्घाटन इन्वेस्टर्स समिट के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी से हरी झंडी दिखा कर किया जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते कार्यक्रम निरस्त हो गया है।
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केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत उत्तराखण्ड की पहली सस्ती हवाई सेवा देहरादून से पिथौरागढ़ के बीच प्रस्तावित की गयी। जिसको 8 अक्टूबर को गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस उड़ान सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था । इस व्यवसायिक तौर पर शुरू की गई पहली उड़ान में कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और विधायक पुष्कर सिंह धामी जौली ग्रांट से पिथौरागढ़ के लिए उड़े। वैसे विमान अपनी पहली ही तकनिकी टेस्टिंग में हर तरह से सफल रहा था और जिसके बाद की राज्य सरकार ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर केंद्र को भेज दी थी।
क्या वजह है कार्यक्रम निरस्त का – सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार की सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी डीजीसीए ने आपत्ति लगा दी। सेवा संचालित करने वाली कंपनी ने उड़ान सेवा शुरू करने को लेकर औपचारिकताएं पूरी की हैं, लेकिन अभी तक इस सेवा को डीजीसीए का क्लीयरेंस नहीं मिल सका है। जिसके चलते उड़ान योजना पर संकट के बादल छा गए है।