अंतरराष्ट्रीय शूटिंग में उत्तराखंड की देवांशी ने गोल्ड समेत जीते दो मेडल
राणा पीढ़ी का निशानेबाजी में हुनर: इससे पहले भी नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में देवांशी दो मेडल अपने नाम कर चुकी है, उत्तराखंड के जसपाल राणा के नाम से तो सभी लोग भली भाती परिचित है, जिन्होंने पद्मश्री पुरस्कार जीतकर पुरे देश का नाम रोशन किया था, साथ ही पद्मश्री से पहले जसपाल राणा को अर्जुन अवॉर्ड भी मिल चुका है। देवांशी मूल रूप से टिहरी जिले के थत्यूड़ ब्लॉक के थीलामाऊ गांव की निवासी हैं, जबकि उनका परिवार सहसपुर स्थित मंझौन में रहता है।
आपको बता दे की देवांशी अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की सदस्य हैं,जिन्होंने नेशनल लेवल पर मेडल अपने नाम किया है। देवांशी के दादा नारायण सिंह राणा ने भी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता था। इसके पश्चात नारायण सिंह राणा के बेटे जसपाल राणा का तो निशानेबाजी में नाम ही काफी है।
जसपाल राणा ने 1995 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में आठ स्वर्ण पदक जीतकर नया रिकॉर्ड तैयार किया था। 1994 के एसियन गेम्स में जसपाल राणा ने गोल्ड मेडल जीता था। वर्तमान में जसपाल राणा देहरादून में राणा इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी में बतौर कोच हैं। वही देवांशी ने अंडर 14 में 400 में से 374 निशाने लगाकर स्वर्ण पदक जीता था।