कुमाऊंनी कविता- भारतकि भूमी….Teacher Munni pandey poem
यो भूमी हमरि भूमी,
भारतकि भूमी जनमभूमी।
रामकि यो लीलाभूमी,
कृष्णकि यो रास भूमी।
शिवाजी कि कर्म भूमी,
सन्तनकि तपो भूमी।
ये भूमी जै कैं नि देखी,
भारतकि भूमी जनमभूमी।
यो भूमी………………
गंगाज्यूकि पुन्य भूमी ,
हिमालकि धर्म भूमी ।
देवनकि देव भूमी ,
राज्नकि स्वर्ण भूमी।
दयावती माता जसी,
बरदानी विधाता जसी ।
भारतकि भूमी जनमभूमी ।
यो भूमी …………..
शास्त्रनकि ज्ञान भूमी,
योगिनकि योग भूमी ।
उपजाऊ यो अन्नभूमी ,
फलनकि रसीलि भूमी।
फूलनकि बहार जसी,
बसन्तकि बयार जसी ।
भारतकि भूमी जन्म भूमी।
यो भूमी……………..
भारतकि शान भूमी,
वीरनकि आन भूमी।
जीवनकि प्राण भूमी,
रत्ननकि खान भूमी।
उपकारी सज्जन जसी ,
मयाली यो मितुर जसी ।
भारतकि भूमी जन्म भूमी
रचना-श्रीमती मुन्नी पाण्डेय
अध्यापिका रा.पूर्व माध्यमिक विद्यालय चहज गंगोलीहाट पिथौरागढ (उत्तराखंड)
Teacher Munni pandey poem
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देवभूमि दर्शन मीडिया उत्तराखंड लोक-संस्कृति भाषा – बोली और लोक परंपरा को बढ़ावा देने हेतु एक पहाड़ी कविता प्रतियोगिता कुमाऊनी गढ़वाली एवं जौनसारी में आयोजित करवाने जा रहा है। कविता उत्तराखंड के किसी भी मुद्दे पर हो सकती है अथवा लोक संस्कृति और लोक परंपरा पर भी आधारित हो सकती है लेकिन स्वरचित होनी चाहिए। आपकी यह कविता आपके नाम से हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित होगी और उसका लिंक आपके साथ भी साझा किया जाएगा।
आप दिनांक 17 से 24 तक अपनी कविताएं हमें अपने पते, फोटो और संपर्क सूत्र के साथ मेल आईडी : [email protected]
अथवा व्हाट्सएप:
+917455099150
पर भेज सकते हैं।
रिजल्ट:
इस प्रतियोगिता का परिणाम 30 जनवरी को आएगा। काव्य संकलन प्रभाग के निर्णायक समिति का निर्णय सर्वमान्य होगा।
प्रथम विजेता को उपहार:-
2 हजार+ गिफ्ट हैंपर।
द्वितीय विजेता को
1 हजार+ गिफ्ट हैंपर
तृतीय विजेता को
गिफ्ट हैंपर
देवभूमि दर्शन मीडिया
(काव्य संकलन प्रभाग)