गढ़वाली कविता- अपणौं पहाड़ – अपणी देवभूमि…Sakshi Bartwal poem
देश दुनिया मा स्वर्ग जनी जगा छौ यख ,
रौंदा हम वख अपणौं घौर छा यख ।
अपणी प्यारी देवभूमि चा यख ,
देवता बसना चा वख ॥
देश दुनिया का लोग द्दा औंणा यख ,
बढ़िया सुंदर लागणु चा तौंखे यख ।
अपणा हरिद्वार बटिन माणा बोडर तक ,
देश दुनिया तरसणी औणों यख ॥
ऋषिकेश बटिन हर्षिल घाटी तक ,
मसूरी बटिन फूलों की घाटी तक ।
अपणौं पहाड़ हैंसणों चा वख ।
चार धाम मा बस्या अपणा देवी देवता ,
पाँच प्रयाग मा गंगा कु रेवता ,
पांच बदरी को इलाका छा यख ,
बारह ज्योतिर्लिंगों मा केदारनाथ चा यख ॥
देसी विदेशी ऐ कर यख सेल्फी ल्यौंणा ,
म्यारो पहाड़ मा सब साफ पौंणा ,
ताजी हवा , ताजो पाणी ,सबौकी सुंदर वाणी ।
हरियाली चायख घौर – घौर मा जाणी ,
सबून येतें पहाड़ पछयाणी ॥
अपणा किला चा यख तेरह जिला ,
सुंदर चमोली, स्वर्ग उत्तरकाशी,अल्मोड़ा जिला ।
देहरादून मा सरी दुनिया बसी,
हल्द्वानी मा भी कमर चा कसी ॥
नाम चा वैको देवभूमि प्यारो पहाड़ ।
हम सबौं कु अपणु एक पराण ॥
रचना- साक्षी बर्त्वाल, ग्राम-मलाना, पोस्ट ऑफिस- छिनका पिन कोड-246426, जिला- चमोली (उत्तराखण्ड)
Sakshi Bartwal poem
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रिजल्ट:
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प्रथम विजेता को उपहार:-
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द्वितीय विजेता को
1 हजार+ गिफ्ट हैंपर
तृतीय विजेता को
गिफ्ट हैंपर
देवभूमि दर्शन मीडिया
(काव्य संकलन प्रभाग)