कुमाऊंनी कविता- भेट ने रेये यो दिन यो मास…….sudhanshu sah poem
भेट ने रेये यो दिन यो मास भेटने रये ऐते रये, कुशल दिते रये,
अपढ़ देइ की झन भुलीये अपुढ़ भाषा रीति रिवाजों
अपुढ़ पहाड़, गो, गधयार
झन भुलीये,
यो दिन यो मास भेटने रये।
अपुढ़ ईज, बोजयु क
फाम लेते रये,
अपुढ़ भे, भुलीये क
आशीष लेते रये,
ओ परदेश जाण वाल बटोही
अपुढ़ बाढ़, बगिचनेक, फाम लेते रये।
पाढिक नोल सब सूख गयी,
गोरू धिनाइ सब सुख गयी,
खेत बजंर है गयी,
अब इनर फाम को करु,
सब परदेश निश गयी,
अब ले थम जा, ठहर जा,
जा छे उती रुक जा,
वापस एजा, अपुढ़,
गो, गधयार, जगंव,
देवी देवताओं की न छोड
भेट ने रेये।
रचना-: सुधांशु साह, ॐ कॉटेज, आदर्श कॉलोनी भूड़ महोलिया खटीमा, उधम सिंह नगर 262308 उत्तराखंड
(sudhanshu sah poem)
यह भी पढ़ें- कुमाऊंनी कविता- “म्यर पहाड़ आज इतु ह्याव किलें हैगो?……” सुमित जोशी ‘राइटर’ (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)
देवभूमि दर्शन मीडिया उत्तराखंड लोक-संस्कृति भाषा – बोली और लोक परंपरा को बढ़ावा देने हेतु एक पहाड़ी कविता प्रतियोगिता कुमाऊनी गढ़वाली एवं जौनसारी में आयोजित करवाने जा रहा है। कविता उत्तराखंड के किसी भी मुद्दे पर हो सकती है अथवा लोक संस्कृति और लोक परंपरा पर भी आधारित हो सकती है लेकिन स्वरचित होनी चाहिए। आपकी यह कविता आपके नाम से हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित होगी और उसका लिंक आपको भी दिया जाएगा।
आप दिनांक 17 से 24 तक अपनी कविताएं हमें अपने पते, फोटो और संपर्क सूत्र के साथ मेल आईडी : [email protected]
अथवा व्हाट्सएप:
+917455099150
पर भेज सकते हैं।
रिजल्ट:
इस प्रतियोगिता का परिणाम 30 जनवरी को आएगा। काव्य संकलन प्रभाग के निर्णायक समिति का निर्णय सर्वमान्य होगा।
प्रथम विजेता को उपहार:-
2 हजार+ गिफ्ट हैंपर।
द्वितीय विजेता को
1 हजार+ गिफ्ट हैंपर
तृतीय विजेता को
गिफ्ट हैंपर
देवभूमि दर्शन मीडिया
(काव्य संकलन प्रभाग)