फिल्म 72 आवर्स के निर्माता और अभिनेता अविनाश ध्यानी पहुंचे अपनी जन्मभूमि उत्तराखण्ड ,पहाड़ी में की बात
सूरवीरो की भूमि देवभूमि में एक से बढ़कर एक जाबांजो ने जन्म लिया और इतिहास गवाह है इनके शौर्य और पराक्रम की गाथा के लिए। भारत-चीन के बीच हुए 1962 युद्ध के महानायक चौथी गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन, पौड़ी गढ़वाल के बाडियूं गांव निवासी जसवंत सिंह रावत के जीवन पर बनी 72 आवर्स-मार्टियर हू नेवर डाइड फिल्म दर्शकों को खूब भायी। फिल्म के मुख्य किरदार जसवंत सिंह में देहरादून के अविनाश ध्यानी ने बखूबी जीवंत किया है। फिल्म के निर्माता जेएसआर प्रोडक्शन के जसंवत, प्राशिल व तरुण रावत हैं। उत्तराखण्ड के वीर के सौर्य व यहाँ की संस्कृति विश्व पटल पर लाने वाले अविनाश ध्यानी शुक्रवार को कोटद्वार पहुंचे।
यह है फिल्म की खासियत: यह फिल्म चार गढ़वाल राइफल्स उत्तराखंड के राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की बहादुरी से भरी दास्तान है। 1962 में भारत चीन युद्घ के दौरान अरुणाचल प्रदेश में नूरानंग की लड़ाई में वे शहीद हो गए थे। उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र प्रदान किया गया। बताया जाता है कि चार गढ़वाल राइफल्स को पीछे हटने के आदेश दिए थे, लेकिन राइफलमैन जसवंत सिंह अपनी जगह पर बने रहे। उन्होंने तीन दिन तक चीनी सैनिकों का बहादुरी से मुकाबला किया और शहीद हो गए।
बता दे की अभिनेता और फिल्म 72 आवर्स के निर्माता एवं निर्देशक अविनाश ध्यानी का कोटद्वार पहुंचने पर शुक्रवार को एसजीआरआर पब्लिक स्कूल पदमपुर सुखरो में भव्य स्वागत किया गया। मूलतः पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले अविनाश, इन दिनों एक बार फिर अपनी जन्मभूमि में है। अभिनेता अविनाश ध्यानी राज्य के उन सभी लोगों के लिए एक मिशाल है, जो सफल होने के बाद देवभूमि की ओर रूख करना ही भूल जाते हैं। इस बार वे यहां ‘गढ़वाल सभा कण्व नगरी कोटद्वार’ के विशेष आमंत्रण पर आए हैं। गुरुवार 31 जनवरी को कोटद्वार पहुंचे अभिनेता ध्यानी का शुक्रवार को एसजीआरआर पब्लिक स्कूल पदमपुर सुखरो में भव्य स्वागत किया गया। विद्यालय में आयोजित स्वागत कार्यक्रम में प्रधानाचार्य गणेश बिडालिया ने अविनाश ध्यानी को पुष्प गुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया और कहा कि देवभूमि के इस सपूत पर सभी को नाज है। उन्होंने आशा जताई कि अविनाश ध्यानी लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पटल पर उत्तराखंड को इसी तरह नई पहचान दिलाते रहेंगे। इस अवसर पर अविनाश ने विद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आगे भी वह गढ़वाल के सौंदर्य और ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़े तथ्यों को फिल्मों के माध्यम से समाज के सामने लाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने छात्रों को बड़ा सपना देखने और उन सपनों को पूरा करने के लिए पूरी शिद्दत से मेहनत करने की प्रेरणा दी।
कर्नल अजय कोठियाल के यूथ फाउंडेशन मे पहुंचे : अभिनेता ध्यानी इसके बाद कर्नल अजय कोठियाल के यूथ फाउंडेशन में भी पहुंचे। जहां उनका स्वागत यूथ फाउंडेशन में सेना भर्ती के लिए ट्रेनिंग ले रहे युवाओं ने प्रसिद्ध पहाड़ी गीत ‘बेडू पाको बारमासा’ पर सैनिक नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति से अनोखे अंदाज में किया। बता दें कि इस बार अभिनेता अविनाश ध्यानी देवभूमि में अकेले नहीं आए थे बल्कि गढ़वाल रायफल के अमर शहीद रायफलमैन जसवंत सिंह रावत की वीरगाथा पर बनी फिल्म की पूरी टीम गढ़वाल सभा के आमंत्रण पर कोटद्वार में पहुंचीं थी। उन्होंने यूथ फाउंडेशन के ट्रेनिंग कैंप में ट्रेनिंग ले रहे युवाओं को गढ़वाल राइफल के जांबाज राइफलमैन शहीद जसवंत सिंह रावत की वीरता की कहानी सुनाई, और युवाओं से शहीद जसवंत सिंह रावत के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की।
उन्होंने कहा कि हमें अपने पहाड़ी होने पर गर्व होना चाहिए, और मैं हमेशा इस बात पर फक्र महसूस करता हूं। युवाओं को अपनी फिल्म 72 आवर्स के बारे में बताते हुए कहा कि यह देश की अभी तक की एकमात्र ऐसी हिन्दी फिल्म है जिसके 95 प्रतिशत कलाकार पहाड़ी है और उत्तराखंड से है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह आगे भी ऐसी फिल्में बनाते रहेंगे, जिससे देवभूमि उत्तराखंड का नाम रोशन होता हो। गुरुवार को कोटद्वार पहुंचे अविनाश ध्यानी ने अपनी मातृभाषा गढ़वाली में भी बात की। बात करते हुए उन्होंने गढ़वाली में कहा कि मि पहाड़ क छ्यू। आप सब मेरे अपने पहाड़ के लोग हैं। उन्होंने कहा कि अपने घर में पहुंचकर बड़ा अच्छा लगता है। और इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे यहां आज गढ़वाल सभा के खास निमंत्रण पर आए हैं।
