उत्तराखण्ड की सीमाओं में प्रवेश के लिए ई पास (E Pass Uttarakhand Migrant) की बाध्यता हुई समाप्त, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश, केवल पंजीकरण करवाना होगा अनिवार्य..
दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड में आने वाले लोगों के लिए इस वक्त की सबसे बड़ी खबर राजधानी देहरादून से आ रही है जहां उत्तराखण्ड सरकार की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि राज्य में आने के लिए अब अलग से किसी भी ई- पास (E Pass Uttarakhand Migrant), अनुमति या स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए केवल आपको देहरादून स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण करवाना होगा। सबसे खास बात तो यह है कि वेबसाइट में पंजीकरण करवाने के उपरांत आपको उसके स्वीकृत होने का भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बता दें कि केन्द्र सरकार द्वारा बीते दिनों राज्य सरकारों को जारी एडवाइजरी के बाद से ई पास को लेकर जनता के बीच काफी असमंजस का माहौल है, इतना ही नहीं इससे काफी लोगों को उत्तराखंड बार्डर पर समस्याओं का सामना भी करना पड़ा है। जिसके बाद बीते रोज उत्तराखण्ड पुलिस के द्वारा स्पष्टीकरण जारी कर बताया गया था कि राज्य में बिना ई पास के प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अब राज्य सरकार द्वारा जारी नए आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में आने के लिए केवल रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता है।
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सरकार ने प्रतिदिन 2000 लोगों के आने की बाध्यता को भी किया समाप्त,अब वेबसाइट में पंजीकरण करवाने के बाद नहीं करना पड़ेगा उसके स्वीकृत होने का इंतजार:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड आने वाले लोगों के सम्बन्ध में एक आदेश जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि राज्य में आने के लिए अब लोगों को अलग से किसी भी ई पास की आवश्यकता नहीं होगी। राज्य में प्रवेश करने के लिए उन्हें केवल देहरादून स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण करवाना होगा। इसके साथ ही राज्य में प्रतिदिन 2000 लोगों के आने की बाध्यता को भी अब समाप्त कर दिया गया है। अर्थात अब प्रदेश में आने वाले लोगों की संख्या सीमित नहीं रखी गई है। बता दें कि अभी तक उत्तराखण्ड में राज्य सरकार द्वारा 3 अगस्त को जारी अनलाक-3 की गाइडलाइंस ही प्रभावी थी, जिसमें न सिर्फ राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों से वेबसाइट पर पंजीकरण के साथ ही स्वीकृत ई-पास मांगा जा रहा था बल्कि सरकार द्वारा एक दिन में केवल 2000 लोगों को ही उत्तराखण्ड में प्रवेश करने की अनुमति भी दी गई थी। बताते चलें कि बीते दिनों दूसरे राज्यों से आने-जाने वाले लोगों और वस्तुओं की आवाजाही पर लगी रोक हटाने के साथ ही ई-पास की व्यवस्था को खत्म करने के संबंध में जारी एडवाइजरी को अनलाक-4 के दिशा-निर्देशों में केंद्र सरकार ने पुनः स्पष्ट किया था, जिसके बाद ही राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया।
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