General Manoj Pandey: जनरल मनोज पांडे बने थल सेना के 29 वे प्रमुख, निभा चुके हैं कई बड़ी जिम्मेदारियां और मिल चुके हैं कई विशिष्ट सम्मान
आज जनरल मनोज पांडे देश के नए सेनाध्यक्ष के रूप में पद संभाल चुके हैं। वे मनोज मुकंद नरवणें की जगह पर भारतीय सेना के 29वें नए प्रमुख बनाए गए हैं। इससे पहले 28वें सेना प्रमुख एमएम नरवणे थे जो आज अपने पद से सेवानिवृत हो चुके हैं। सबसे खास बात तो यह है कि भारतीय सेना में ऐसा पहली बार हो रहा है कि सेना की इंजीनियर कोर के किसी अधिकारी को थलसेना की कमान सौंपी जा रही है। एलजी मनोज पांडे को सेना में शानदार सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक मिल चुका है। (General Manoj Pandey)
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे का ताल्लुक महाराष्ट्र के नागपुर से हैं। उनके बचपन के मित्र दिलीप अठावले के अनुसार लेफ्टिनेंट जनरल पांडे के पिता चंद्रशेखर पांडे नागपुर विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष थे। उनकी मां प्रेमा पांडे ऑल इंडिया रेडियो में अनाउंसर थीं। जबकि लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे की पत्नी अर्चना पांडे डेंटिस्ट हैं। उनके पुत्र और पुत्रवधू दोनों भारतीय वायु सेना में पायलट हैं।
मनोज पांडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं और उन्हें दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बॉम्बे सैपर्स) में नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपने शानदार करियर में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दीं और कई इलाकों में आतंकवाद रोधी अभियानों में हिस्सा भी लिया। इसके साथ ही ऑपरेशन पराक्रम’ में भी काम करने का अनुभव है। जी हाँ बता दें की उनके पास जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन पराक्रम’ के दौरान नियंत्रण रेखा के पास एक इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभालने का अनुभव है। साथ ही उन्हें पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में एक पर्वतीय डिवीजन और पूर्वोत्तर में एक कोर की भी कमान संभाल चुके है। यही नहीं वह इथोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य इंजीनियर के रूप में भी काम कर चुके हैं। मनोज पांडे सेना मुख्यालय में सैन्य संचालन निदेशालय में अतिरिक्त महानिदेशक और दक्षिणी कमान के मुख्यालय में चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं।