Uttarakhand Government: सरकार ने दिया आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकत्रियों को तोहफा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और पर्यावरण मित्रों को भी वेतन कटौती से मिली राहत..
इस वक्त की सबसे बड़ी खबर राजधानी देहरादून से आ रही है जहां मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकत्रियों को सम्मान राशि देने का ऐलान किया है। उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने यह निर्णय कोरोना महामारी के दौरान आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकत्रियों के योगदान को देखते हुए लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब सभी आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकत्रियों के खाते में एक-एक हजार रुपए की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी आज देहरादून में हुई पत्रकार वार्ता में दी। बता दें कि वर्तमान में राज्य में आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकत्रियों की संख्या 50 हजार से अधिक है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड सरकार द्वारा लिए गए कई अन्य बड़े फैसलों के बारे में भी बताया। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि अब राज्य के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और पर्यावरण मित्रों का एक दिन का वेतन नहीं काटा जाएगा। इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों एवं पर्यावरण मित्रों के एक दिन के वेतन कटौती कर कोविड-19 फंड में देने के निर्णय को वापस ले लिया है।
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सोशल मीडिया पर भी दी जानकारी, पर्यावरण मित्रों के स्वयं से ही वेतन कटौती के निर्णय को बताया प्रशंसनीय:-
बता दें कि उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, पर्यावरण मित्रों एवं आंगनबाड़ी तथा आशा कार्यकत्रियों को बड़ा तोहफा दिया है। उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार जहां अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और पर्यावरण मित्रों का एक दिन का वेतन नहीं काटा जाएगा वहीं आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकत्रियों के खाते में एक-एक हजार रुपए की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने न सिर्फ आज देहरादून में इस बात की जानकारी दी बल्कि उन्होंने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इस बात को साझा किया। जिसमें उन्होंने पर्यावरण मित्रों के उस निर्णय की काफी प्रशंसा भी की जिसमें सभी पर्यावरण मित्रों ने मानवता का परिचय देते हुए स्वयं से ही एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दे दिया था।
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