राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा समूह ग की भर्ती में सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त करने के फैसले के बाद निराश बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार आशा की एक नई किरण लेकर सामने आई है। प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए एक ऐसा महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है जिसे उच्च न्यायालय के इस फैसले का तोड़ माना जा रहा है। प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में बुधवार को लिए गए फैसले के अनुसार अब समूह ग की सीधी भर्ती में अब वहीं अभ्यर्थी मान्य होगा जिसने राज्य के किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से 10वीं तथा 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की हो। इसके साथ ही सैनिक , पूर्व सैनिक बच्चो को भी इसकी सुविधा मिलेगी। इससे साफ तौर पर समूह ग की भर्ती में फिर से राज्य के युवाओं को वरीयता मिल गयी है, जो कि राज्य के उन बेरोजगार युवाओं के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है जो समूह ग में भर्ती होने का सपना संजोए हुए है।
प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक आज बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में 17 अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। इनमें से 15 मुद्दों पर चर्चा में आम राय बनीं। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए। जिनमें से एक फैसला बेरोजगार युवाओं के हितों को लेकर भी था। कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले के अनुसार समूह ग की भर्ती-परीक्षा में अब वहीं अभ्यर्थी आवेदन कर पाएंगे जिन्होंने राज्य में स्थित किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की हो। राज्य सरकार के इस फैसले को उच्च न्यायालय के उस फैसले का तोड़ माना जा रहा है जिसे उच्च न्यायालय ने हाल ही में लिया था। उच्च न्यायालय के इस फैसले से समूह ग में आवेदन करने के लिए सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया था। सरकार के इस फैसले से राज्य के युवाओ के लिए प्रतियोगिता में होने वाला कॉम्पिटिशन भी कम हो जाएगा क्योकि अब सिर्फ राज्य के युवा ही इसमें प्रतिभाग कर पाएंगे।