हल्द्वानी (Haldwani) में हाइटेंशन लाइन की चपेट में आकर कमल रावत (Kamal Rawat) की मौत के मामले में मुख्यमंत्री ने अख्तियार किया सख्त रुख, घटना पर दुःख जताते हुए दिए ऊर्जा सचिव को जांच के निर्देश..
बीते दिनों नैनीताल जिले के हल्द्वानी (Haldwani) में हाइटेंशन लाइन की चपेट में आकर काल का ग्रास बने युवक कमल रावत (Kamal Rawat) के परिजनों को जहां लोगों द्वारा लगातार सांत्वना दी जा रही है वहीं अब राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी घटना पर दुःख जताते हुए ऊर्जा निगम के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किया है। मुख्यमंत्री ने न सिर्फ राज्य की ऊर्जा सचिव राधिका झा को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं बल्कि हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार लापरवाही अफसरों को किसी भी दशा में बक्सा ना जाए। इस संबंध में ऊर्जा सचिव ने भी हादसे पर दुःख जताते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार उन्होंने मुख्य अभियंता एमएल प्रसाद को जांच अधिकारी नियुक्त कर उनसे जांच रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने यह भी बताया कि अधिशासी अभियंता ग्रामीण अमित आनंद की अध्यक्षता में मामले की जांच को तीन सदस्यीय जांच कमेटी पहले ही गठित कर दी गई है। जांच कमेटी द्वारा फाइनल रिपोर्ट प्राप्त होने पर इसके लिए जिम्मेदार अफसर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए निचले स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित कर इस संबंध में जागरूक किया जाएगा।
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परिजनों ने ठुकराई आर्थिक सहायता की प्रथम किश्त, अड़े रहे मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने पर, मृतक के घर से बेरंग लौटे ऊर्जा निगम के अधिकारी:-
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील के दमुवाढूंगा के जवाहर ज्याेति कालोनी निवासी कमल रावत की हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। बता दें कि यह हादसा शुक्रवार सुबह उस समय हुआ जब कमल ड्यूटी के लिए जा रहा था, इसी दौरान बृजलाल अस्पताल के पास हाइटेंशन लाइन की तार टूटकर उस पर गिर गई और उसने बुरी तरह झुलस कर मौके पर ही दम तोड दिया। घटना के बाद जहां लोगों ने मृतक कमल के शव को घर ले जा रहे वाहन को रोककर मृतक के परिजनों को मुआवजा और पत्नी को नौकरी देने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था वहीं लोगों की इस मांग को राजनैतिक दलों सहित सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। जिसके कारण मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को खुद इस मामले में बयान देना पड़ा। उधर बीते शनिवार को ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने मृतक कमल रावत के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें आर्थिक सहायता की प्रथम किश्त 80 हजार रुपए देने की कोशिश की परंतु परिजनों ने अधिकारियों की पेशकश को यह कहकर ठुकरा दिया कि पहले मृतक की पत्नी को ऊर्जा निगम में सरकारी नौकरी दी जाए। जिस कारण ऊर्जा निगम के अधिकारियों को मृतक के घर से बेरंग वापस लौटना पड़ा।
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