IAS Ranjana Rajguru: जनसंख्या के हिसाब से कुमाऊं के सबसे बड़े जिले की कमान अब एक महिला आईएएस के हाथ, रंजना राजगुरु बनेंगी जिले की पहली महिला डीएम..
अपनी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा के लिए मशहूर ऊधमसिह नगर जिले के लोकप्रिय जिलाधिकारी डॉ नीरज खैरवाल के मुख्यमंत्री के अपर सचिव बनने के बाद अब जनसंख्या के हिसाब से कुमाऊं के सबसे बड़े जिले की कमान अब एक महिला आईएएस रंजना राजगुरु (IAS Ranjana Rajguru) संभालेंगी। आईएएस रंजना ऊधमसिह नगर जिले की जहां 24 वीं जिलाधिकारी होंगी वहीं जिले में जिलाधिकारी का पद संभालने वाली वह पहली महिला आईएएस अधिकारी भी होगीं। अक्टूबर 1995 में जिला बनने के बाद अभी तक जिले की डीएम कोई भी महिला नहीं बनी है। बता दें कि तबादले से पहले रंजना बागेश्वर जिले की जिलाधिकारी थी। सबसे खास बात तो यह है कि रंजना बागेश्वर जिले की भी पहली महिला जिलाधिकारी थी। मई 2017 में बागेश्वर जिले का कार्यभार संभालने से पहले वह रूद्रप्रयाग जिले की कमान संभाल रही थी। इस दौरान उन्हें 2017 के विधानसभा चुनावों में रुद्रप्रयाग जनपद में किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन और नवाचारी के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह सम्मान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रदान किया था।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: शासन में भारी फेरबदल, मुख्य सचिव के साथ तीन जिलों के डीएम भी बदले बागेश्वर में तीन साल से अधिक समय तक निर्विवाद संभाली जिलाधिकारी की कुर्सी, जन समस्याओं के निराकरण को रही सदेव तत्पर:-
बता दें कि बागेश्वर जिले की पहली महिला जिलाधिकारी बनने का इतिहास रचने वाली आईएएस रंजना राजगुरु का तीन वर्ष से अधिक समय का कार्यकाल निर्विवाद रहा। रंजना ने बागेश्वर जिले की कमान 17 मई 2017 को सभाली थी। जिलाधिकारी बनने के बाद जहां उन्होंने जिले की शिक्षा और चिकित्सा सेवा को बेहतर करने पर विशेष ध्यान दिया वहीं रंजना जन समस्याओं के निराकरण को भी सदैव तत्पर रही। महिलाओं के साथ खेतों में घास काटकर उनके दुःख दर्द को समझने की कोशिश करना हो या फिर 12 किमी पैदल चलकर आपदा कार्यों का जायजा लेना, सब यही सिद्ध करते हैं कि वह हमेशा जन सरोकारों को तव्वजो देती थी। इतना ही जनता की समस्याओं को सुनने के लिए वह प्रत्येक सोमवार को प्रत्येक सोमवार को जन सुविधा शिविर भी लगाती थी। शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने बागेश्वर जिले के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास चलाने के लिए उन्होंने विशेष प्रयास किए, तथा डीएम अनटाइड फंड से बजट भी मुहैया कराया। इसी तरह जिले में बदतर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की भी डीएम रंजना ने भरसक कोशिश की। जिला अस्पताल के साथ ही कपकोट, बैजनाथ के अस्पतालों को एंबुलेंस और सीएससी कांडा में जनरेटर की व्यवस्था भी करवाई।