leopard in uttarakhand: घटना के वक्त मां की गोद में बैठकर दूध पी रहा था मासूम, गुलदार ने झपट्टा मारकर बनाया अपना निवाला, परिजनों में मचा कोहराम…
राज्य में जंगली जानवरों द्वारा मचाया गया आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। सच कहें तो ये जंगली जानवर अब ग्रामीणों के जी का जंजाल ही बन गए हैं। अब तक तो जानवरों की वजह से उन्हें खेती-बाड़ी में ही नुकसान उठाना पड़ता था परन्तु अब पहाड़ में ग्रामीण भी सुरक्षित नहीं है। आए दिन आदमखोर जंगली जानवरों द्वारा राज्य के किसी ना किसी हिस्से में ग्रामीणों को अपना निवाला बनाया जा रहा है। जंगली जानवरों के ऐसे ही आतंक की खबर आज फिर राज्य के अल्मोड़ा जिले से आ रही है जहां एक ढाई साल के मासूम बच्चे को एक आदमखोर गुुलदार (leopard in uttarakhand) ने अपना निवाला बना लिया। बताया गया है कि गुुलदार बच्चे को मां की गोद से उठा ले गया। मां की चीख-पुकार सुनकर पहुंचे ग्रामीणों द्वारा गुुलदार का पीछा करने पर बच्चे का क्षत-विक्षत शव घर से तीन सौ मीटर दूर जंगल में बरामद हुआ। घटना के बाद से जहां मृतक के परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के साथ ही गुलदार को आदमखोर घोषित कर मारने की मांग भी की है।यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: पहाड़ में गुलदार का आंतक ग्राम प्रधान की बेटी को बनाया अपना शिकार
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने आधी रात तक शव को सड़क पर रखकर किया उग्र प्रदर्शन, लगाए वन विभाग वापस जाओ, डीएफओ वापस जाओ के नारे:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना ब्लॉक के डुगरी-पेटशाल निवासी देवेंद्र सिंह मेहता के मासूम बच्चे हर्षित को बीती शाम आदमखोर गुलदार ने अपना निवाला बना लिया। बताया गया है कि घटना के वक्त मासूम अपनी मां गोद में बैठकर दूध पी रहा था। तभी पहले से घात लगाकर बैठे गुलदार (leopard in uttarakhand) ने हर्षित पर हमला कर दिया। इससे पहले कि हर्षित की मां हेमा कुछ समझ पाती गुलदार बच्चे को उठाकर जंगल की ओर भाग गया। जिसके बाद चीखती-चिल्लाती हेमा गुलदार का पीछा करने लगी। हेमा की आवाज सुनकर घटनास्थल पर पहुंचे ग्रामीणों ने भी गुलदार का पीछा किया जिसके बाद उन्हें हर्षित का क्षत-विक्षत शव घर से तीन सौ मीटर दूर जंगल में बरामद हुआ। ग्रामीण बच्चे के शव को जंगल से घर तो ले आए परंतु उनमें वन-विभाग के खिलाफ काफी गुस्सा था। आक्रोशित ग्रामीणों ने हर्षित का शव पेटशाल-डुगरी मोटर मार्ग पर रखकर वन विभाग के खिलाफ देर रात तक उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने वन विभाग वापस जाओ, डीएफओ वापस जाओ के नारे भी लगाए। वन विभाग के आला अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद ही ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों को शांत कराने में अधिकारियों के पसीने छूट गए।
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