Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
live in relationship Uttarakhand UCC
Image: live in relationship Uttarakhand

उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड बुलेटिन

देहरादून

live in relationship Uttarakhand लिव इन रिलेशनशिप वालो के लिए पंजीकरण अनिवार्य

live in relationship Uttarakhand registration: UCC नोटिफिकेशन के जारी होते ही 30 दिनों के भीतर लिव – इन रजिस्ट्रेशन हुआ जरूरी, जानें पूरा खाका…

Live in relationship Uttarakhand registration UCC:  उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड के तहत अब लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है जिसके तहत UCC का नोटिफिकेशन जारी होते ही 30 दिनों के भीतर सभी लिव इन जोड़ों को अपना पंजीकरण करवाना होगा यदि कोई ऐसा नहीं करता है तो उस पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। दरअसल यह कदम व्यक्तिगत अधिकारों और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि ऐसे संबंधों को कानूनी मान्यता मिल सके और साथ ही उनसे जुड़े विवादों या कानूनी मुद्दों का आसानी से हल किया जा सके।

Uttarakhand UCC : बता दें उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के नियमों की अधिसूचना के 30 दिनों के भीतर उत्तराखंड में सभी लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य हो गया है इसके लिए विभिन्न प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। यदि कोई पंजीकरण नहीं करवाता है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी। दरअसल लिव इन का पंजीकरण ऑनलाइन संभव हो सकेगा। लिव के लिए UCC प्रावधानों के तहत जोड़ों को पंजीकरण कराने और सरकार की जांच का मुद्दा इस साल लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं के बीच एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय था जिसे पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह के नेतृत्व में 9 सदस्यीय पैनल ने इसको तैयार किया है।

रजिस्ट्रार के सामने करना होगा बयान दर्ज (live in relationship Uttarakhand registration)

बताते चलें लिव इन मे रहने वालों में से यदि किसी एक की उम्र 21 वर्ष से कम होगी तो इसकी सूचना उसके माता-पिता एवं अभिभावकों को निबंधक द्वारा दी जाएगी। इतना ही नहीं बल्कि लिव इन में रहने वाले पार्टनर को अपने इलाके के रजिस्ट्रार के सामने धारा 381 ( 1) के तहत बयान दर्ज कराना होगा। रजिस्ट्रार ही ऐसे कपल का वेरिफिकेशन कर आदेश पारित कर सकता है व 30 दिनों मे पार्टनर की जांच प्रक्रिया पूरी करेंगे इसके लिए आवेदक या अन्य को समन जारी कर बुला सकते है। इसके अलावा अब लिव इन रिलेशनशिप को खत्म करना भी आसान नहीं होगा इसके लिए निर्धारित प्रारूप में एक लिखित बयान दाखिल करना होगा यदि रजिस्ट्रार को लगेगा कि संबंध समाप्त करने के कारण गलत है तो इसकी जांच पुलिस को सौंपी जा सकती है। वहीं गलत जानकारी प्रदान करने वाले व्यक्ति को तीन माह की जेल तो होगी ही इसके साथ ही 25 हजार रुपए का जुर्माना भी देना पड़ेगा। जबकि लिव-इन रिलेशनशिप को पंजीकृत नहीं कराने पर अधिकतम छह महीने की जेल व ₹ 25,000 का जुर्माने का दोनों का सामना करना पड़ेगा। यहां तक कि पंजीकरण में एक महीने से भी कम की देरी पर तीन महीने तक की जेल ₹ 10,000 का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
यह भी पढ़िए: बागेश्वर के सिमगढ़ी उपडाकघर में पोस्टमास्टर ने उड़ा दिए खाता धारकों के रुपए

भरण पोषण का दावा कर सकती है महिला(Uttarakhand live in relationship)

यदि किसी महिला को उसका लिव इन पार्टनर छोड़ देता है तो वह मेंटेनेंस का दावा कर सकती है इतना ही नहीं बल्कि महिला उसके इलाके के कोर्ट में जाकर दावा कर सकती है जहां रिलेशनशिप में रहने वाले आखरी बार साथ रहे थे। लिव इन के दौरान यदि बच्चा होता है तो उसे वैध संतान माना जाएगा और उसे वो सभी अधिकार मिलेंगे जो शादी के बाद पैदा हुए बच्चों को मिलते हैं। किसी भी बच्चे को नाजायज नहीं माना जाएगा साथ ही बच्चों को माता-पिता की विरासत में समान अधिकार दिया जाएगा।

More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top