भारतीय सेना में सेवा के साथ ही मनीष पंत (Manish Pant) अपनी चित्रकला (Painting) से उत्तराखंड लोकसंस्कृति को भी दे रहे हैं बढ़ावा…
उत्तराखंड में किसी भी क्षेत्र में हुनर की कमी नहीं है। अगर बात करें चित्रकला के क्षेत्र की तो प्रदेश के कई होनहार चित्र कलाकारो से हम आपको रूबरू करा चुके हैं। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया हैं भारतीय सेना के जवान मनीष पंत (Manish Pant) का। जी हाँ चित्रकारी का ऐसा हुनर और उस से भी बड़ी चीज लगन जिसके चलते ही मनीष पंत ने डयूटी के दौरान ही चित्रकारी की बारीकियों को सीखा। बता दें की उनकी पेंसिल आर्ट (Painting) की खूबसूरती देखते ही बनती हैं। मनीष पंत मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के राठ क्षेत्र के रहने वाले हैं और वर्तमान में भारतीय सेना में देश सेवा के लिए तैनात हैं।
देवभूमि दर्शन से खाश बात चीत : देवभूमि दर्शन से बात चीत में मनीष पंत बताते हैं की बचपन से ही उन्हें चित्रकारी का बहुत शोक था ,लेकिन इससे भी बड़ा एक और जज्बा उनके दिल में था। वो जज्बा था भारतीय सेना में शामिल होकर माँ भारती की रक्षा के लिए अपनी सेवा देना। बस इसी जज्बे को लेकर वो भारतीय सेना में 16 साल से सेवारत हैं, साथ ही डयूटी के बाद समय मिलने पर या फिर छुट्टियों में घर आने पर वो अपनी चित्रकला को समय देते है।
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उन्होंने अभी तक उत्तराखण्ड की कई बड़ी हस्तियो की पेसिल आर्ट बनाई हैं। जिसमें की लोकगायक नरेन्द्र नेगी, एसएसपी देहरादून ,लक्ष्मण झूला पुल (ऋषिकेश) इत्यादि की बेहद खूबसूरत पेंसिल आर्ट तैयार की हैं। मनीष पंत कहते है की अपनी चित्रकला के माध्यम से वो उत्तराखंड की संस्कृति को संजोए रखना चाहते है। इसके लिए उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड के वाद्य यंत्र ढोल दमों , मूसकबाज और ‘मां नंदा देवी लोकजात यात्रा’ को अपनी चित्रकला के माध्यम से उकेरा है।
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