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गढ़रत्न नरेंद्र नेगी के होली गीत के बाद अब सोमेश गौर के साथ गढ़वाली हिंदी फ्यूज़न सांग में दिखेंगी रुचिका कंडारी






गढ़वाली डबमैश क्वीन रुचिका कंडारी जिनकी डबमैश वीडिओज़ ने सोशल मीडिया पर धूम मचाया हुआ है, वो अब एक नयी उभरती हुई कलाकार के रूप में सामने आ चुकी है।
रुचिका और सोमेश गौर द्वारा देवभूमि दर्शन के साथ जानकारी साझा करते हुए बताया की दोनों का गढ़वाली हिंदी फ्यूज़न गीत “ह्युंद का दिना” बहुत जल्द लोगो के बीच धूम मचाने आ रहा है , जिसके मूल स्वर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी और गायिका अनुराधा दवारा दिए गए थे, साथ ही हिंदी भाग के स्वर खुद ही सोमेश द्वारा दिए गए है। रुचिका ने बताया की इस गीत का नाट्य रूपांतरण भी किया गया है, जिसमे सोमेश गौर एक हिंदुस्तानी फौजी की भूमिका में है, और वही रुचिका फौजी की प्रेमिका की भूमिका में है। सोमेश गौर इस से पहले भी नेगी जी के गीत मेरा गढ़ देशा को बेहतरीन अंदाज में पेश कर चुके है जो की यूट्यूब पर उनके चैनल अर्बन पहाड़ी पर काफी पसंद किया गया।
रुचिका की बेहतरीन अदाकारी और सुरमयी आवाज का हर कोई कायल है। रुचिका की इन डबमैश वीडिओज़ की अदाकारी से प्रेरित होकर अन्य लोग भी अपनी प्रतिभा को डबमैश वीडिओज़ के माध्यम से सामने ला रहे है।




आइए दोनों उभरते हुए कलाकारों के बारे में कुछ जान ले रुचिका कंडारी मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली है, और वर्तमान में दिल्ली में ही रहती है, रुचिका की प्राम्भिक पढ़ाई दिल्ली से हुई और आगे की उच्च स्तर की पढाई भी दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की। रुचिका बताती है की उन्हें बचपन से ही अदाकारी और संगीत का बहुत सौक था और उत्तराखण्ड़ के लोकगीतों से काफी प्रेरित हुई है, जिनमे की विशेष कर गढ़ रत्न नरेंद्र नेगी जी के गीत है। रुचिका वर्तमान में श्री राम कला केंद्र से शास्त्रीय संगीत से सम्बंधित कोर्स कर रही है।
वही सोमेश गौर मूल रूप से कोटद्वार के रहने वाले है, और बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर एक एमएनसी कंपनी में कार्यरत है। इसके साथ ही म्यूजिक कम्पोज़र भी है जो की उनका अपना पैशन है। सोमेश और रुचिका की जोड़ी पहले भी उनके यूटूब चैनल अर्बन पहाड़ी पर देखने को मिली थी जिसे लोगो के बीच काफी सराहा गया।

फोटो वाया – रुचिका कंडारी




कैसे मिला नेगी जी के एल्बम होली आली रे में काम करने का मौका-  गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी की जितनी तारीफ की जाए कम है। शायद वो कवि की कल्पनाओं को भी पार कर चुके हैं। दिल से जो गढ़भूमि का मान सम्मान चाहते हैं और मन से जो अपनी मातृभूमि को चाहते हैं। नेगी जी के साथ काम करना  हर किसी कलाकार के लिए सौभाग्य की बात होगी।
रुचिका बताती है की नेगी जी उनके गढ़वाली मांगल गीत से बहुत खुश हुए थे और उन्होंने इसे अपने पेज पर भी अपलोड किया था।

 

फोटो वाया – रुचिका कंडारी




रुचिका का डबमैश वीडियो जब नेगी जी के पास पंहुचा तो उन्होंने इसकी काफी सराहना की, नेगी जी के बेटे कविलाश नेगी ने जब वीडियो देखी तो कविलाश बोले की उन्हें नेगी जी के होली गीत के लिए जिस नए चेहरे की तलाश थी ,उसके लिए रुचिका से बैहतर कोई और नहीं मिल सकता है। इस प्रकार नेगी जी ने रुचिक को अपने प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनी होली आला रे में मौका देकर रुचिक के बुलंद अदाकारी के सपनो को एक नयी उड़ान दी।




उत्तराखण्ड़ की संस्कृति और लोकगीतों को विशवस्तर पर लाना चाहते है – रुचिका और सोमेश दोनों उत्तराखण्ड़ की संस्कृति और लोकगीतों को दुनियाभर के सामने एक नए अंदाज में लाना चाहते है। दोनों का कहना है की जिस प्रकार उत्तराखण्ड़ के पड़ोसी राज्य पंजाब की संस्कृति आज देश विदेशो में अपना नाम रखती है उसी प्रकार उत्तराखण्ड़ की संस्कृति को भी विश्वस्तर पर लाना चाहते है।

अर्बन पहाड़ी पर जल्द आएगी वीडियो
अर्बन पहाड़ी
 

 

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