उत्तराखण्ड विशेष : पहाड़ की ये शादी रही खाश तीन दुल्हने खुद एक ही घर में लेकर गयी बरात
बता दे की रविवार को लखऊ खत के किस्तूड़ गांव से अमिता (मोनिका), बहलाड़ खत के क्वासा गांव से प्रिया (ममता) व समाल्टा खत के भाकरौऊ गांव से रक्षा जौनसारी बरात लेकर कनबुआ गांव पहुंची। यह बारात कनबुआ निवासी जालम सिंह पवांर के घर पहुंची , जिन्होंने संयुक्त परिवार की परंपरा का निर्वाह करते हुए तीन पुत्रों देवेंद्र (धीरज), प्रदीप व संदीप का विवाह एक ही दिन करने का फैसला किया। ये परिवार के लिए थोड़ा मुश्किल जरूर रहा लेकिन उन्हें इसकी तैयारियां पिछले कई माह से करनी पड़ी।
जोजोड़ा विवाह की विशेषता : सुबह आ जाती है दुल्हन, शाम को बराती
जहाँ सभी शादियों में दूल्हा अपने पुरे बरात के साथ दुल्हन के घर जाता है, वही जोजोड़ा विवाह के की परम्परा के तहत सुबह के वक्त दुल्हन बरात लेकर दूल्हे के घर पहुंचती है और शाम को 70-80 बरातियों का लड़के वाले स्वागत करते है। इसके बाद ही शादी की अन्य रस्म पूरी की जाती हैं।